हल्दूचौड़ के शिवालिक पुरम् निवासी आध्यामिक विचारधारा की धनी श्रीमती धनौली देवी हालांकि अब इस संसार में नहीं है बीते 17 जुलाई को उनका निधन हो गया है लेकिन उनसे जुड़ी यादें सदैव हम सभी का मार्ग दर्शन करते रहेगी वे अपने पिछे चार पुत्र तीन पुत्रियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गयी है
आध्यात्मिक जगत की महान् विराट विभूति ,लोक मंगलकारी कर्मो का सृजन करके निष्काम कर्म की प्रेरणा देकर जीवन पथ को निर्मल आभा से सवांरकर करूणा की दिव्य छाया बरसाने वाली, कर्म ही जिनका महान् आर्दश था ,दया ही जिनका परम धाम था ,अलौकिक सत्ता के प्रति हर पल जिनका रूझान था जो मानवीय रूप में साक्षात् करूणा की मूर्ति थी ,आत्मा की अमरता व शरीर की नश्वरता को जो भलि भांति जानती थी, देवभूमि व यहां के तीर्थ स्थलों के प्रति जिनके हदय में अपार श्रद्वा थी समय समय पर जिनका पर्दापण देवकार्यो में होता रहता था ,वो सरल हृदय ममता व करूणा की साक्षात् मूर्ति श्रीमती धनौली देवी जी अब इस नश्वर संसार में नही रही उनके निधन की सूचना से समूचा क्षेत्र शोक से व्याकुल हो उठा है, यहां के जनमानस में उनके प्रति गहरी श्रद्वा थी श्रीमती धनौली देवी जी का आत्मिक रूप से मिलना जुलना उनके विशाल हृदय की विराटता को झलकाता था
सरल से भी सरल ममतामयी धनौली देवी जी ने अपनी जीवन साधना को निष्काम कर्मयोगी की तरह जिया वे सच्चे अर्थो में दरियादिली की जीती जागती मिशाल थी,
देवभूमि के देवालयों की वे कायल थी ईश्वर से उनका अमिट लगाव था ।उनकी सादगी ,विनम्रता स्नेहशीलता आदरणीय थी।
स्व० श्रीमती धनौली देवी मूल रूप से हरतोला गाँव जो जनपद नैनीताल का एक सुन्दर व रमणीक गाँव है वहाँ की निवासिनी थी लोग प्रेम से उन्हें हरतोला की आमा के नाम से भी पुकारते थे पिछले पाँच छह साल से वे अपनें पुत्रों के साथ लालकुआँ बिन्दुखत्ता हल्दूचौड़ के शिवालिक पुरम् में रहती थी
कुल मिलाकर लालकुआँ के वरिष्ठ समाज सेवी कैलाश पाण्डे शेखर पाण्डे गोविन्द पाण्डे जगदीश पाण्डे की माताजी श्रीमती धनौली देवी जी का जीवन सफर धार्मिक व सामाजिक कार्यो में बीता उनकी जहां ईश्वर के प्रति गहरी आस्था थी, लोक मंगल के कार्यो के प्रति सदैव सजग रहा करती थी माँ कोकिला देवी धुर्का देवी के प्रति उनके हृदय में अटूट आस्था थी उनके पौत्र विनोद पाण्डे व्यापार मण्डल लालकुआँ के सम्मानित पदाधिकारी है
उनका जीवन अथक सघंर्षों की गाथा रही है।जो आज के समाज के लिए महान् आर्दश है। उनके निधन पर शोक संवेदनाओं का क्रम जारी है उनके तमाम राजनीतिक संगठनों समाज सेवियों एवं आध्यात्मिक जगत से जुड़ी विभूतियों ने गहरा शोक प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की है
स्व० श्रीमती धनौली देवी का पीपल पानी संस्कार रविवार 28 जुलाई को है
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