जवाहर नगर/ जनपद ऊधम सिंह नगर के जवाहर नगर वार्ड न. 9 निवासी आध्यात्मिक जगत की महान् विराट विभूति आनन्दी देवी अब इस नश्वर संसार में नहीं रही बीते 29 जुलाई को उनका निधन हो गया वे लगभग 85 वर्ष की थी
लोक मंगलकारी कर्मो का सृजन करके निष्काम कर्म की प्रेरणा देकर जीवन पथ को निर्मल आभा से सवांरकर करूणा की दिव्य छाया बरसाने वाली स्व० आनन्दी की माँ नन्दा- सुनन्दा सहित तमाम देवी – देवताओं के प्रति अगाध श्रद्धा थी
कर्म ही उनका महान् आर्दश था ,दया ही उनका परम धाम था ,अलौकिक सत्ता के प्रति हर पल उनका रूझान था जो मानवीय रूप में साक्षात् करूणा की साक्षात् मूर्ति थी ,आत्मा की अमरता व शरीर की नश्वरता को जो भलि – भांति जानती थी, देवभूमि व यहां की पावन संस्कृति के प्रति जिनके हदय में अपार श्रद्वा थी समय-समय पर उनका पर्दापण देवकार्यो में होता रहता था ,वो सरल हृदय ममता व करूणा की साक्षात् मूर्ति स्व० श्रीमती आनन्दी देवी सदैव स्मरणीय रहेगी
उनके निधन की सूचना से समूचा क्षेत्र शोक से व्याकुल हो उठा है, मूल रूप से जनपद चमोली के निगड़ी गाँव निवासी स्व० श्रीमती आनन्दी देवी के निधन से उनके मूल गाँव में भी शोक है ग्रामीण क्षेत्रों के जनमानस में भी उनके प्रति गहरी श्रद्वा थी उनका आत्मिक रूप से मिलना जुलना उनके विशाल हृदय की विराटता को झलकाता था सरल से भी सरल ममतामयी स्व० आनन्दी देवी जी ने अपनी जीवन साधना को निष्काम कर्मयोगी की तरह जिया वे सच्चे अर्थो में दरियादिली की जीती जागती मिशाल थी, देवभूमि के देवालयों की वे कायल थी ईश्वर से उनका अमिट लगाव था ।उनकी सादगी ,विनम्रता स्नेहशीलता आदरणीय थी।
सेंचुरी मिल कर्मी गिरीश डिमरी की माताजी का जीवन सफर धार्मिक व सामाजिक कार्यो में बीता उनकी जहां ईश्वर के प्रति गहरी आस्था थी, वही समाजसेवी के क्षेत्र में भी वह समर्पित रही। ,उनका जीवन मानवीय मूल्यों के रक्षा हेतु अथक सघंर्षों की गाथा रही है।जो आज के समाज के लिए महान् आर्दश है। गरीबों के दुख दर्द में सदा ही सहायक रहने वाली ममता की यह मूर्ति सदा ही स्मरणीय रहेगी उनकी पावन यादें सदा ही हम सब का मार्ग दर्शन करते रहेगी वे अपने पिछे एक पुत्र दो पुत्रियों सहित भरा – पूरा परिवार छोड़ गयी है उनका पीपल पानी 8 अगस्त वृहस्पतिवार को है
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