उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव – 2024/ कैसा हो अपना प्रतिनिधि दावेदारी को लेकर हलचल तेज *** लालकुआं नगर पंचायत चेयरमैन सीट सामान्य होने पर रविशंकर तिवारी होंगे कांग्रेस पार्टी से प्रबल दावेदार

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उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव – 2024/ कैसा हो अपना प्रतिनिधि
दावेदारी को लेकर हलचल तेज
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लालकुआं नगर पंचायत चेयरमैन सीट सामान्य होने पर रविशंकर तिवारी होंगे कांग्रेस पार्टी से प्रबल दावेदार
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+ 40 वर्षों से लगातार कांग्रेस संगठन से जुड़े विभिन्न पदों पर कार्य करते रहे हैं श्री तिवारी
+ वर्तमान में पार्टी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ के हैं प्रदेश उपाध्यक्ष
+ किसान सेवा सहकारी संघ नारायणपुर – उधमसिंह नगर के 3 वर्ष तक रहे चेयरमैन
+ पार्टी संगठन ने मौका दिया और जनता का आशीर्वाद मिला तो नगर पंचायत क्षेत्र में लायेंगे विकास का नया मॉडल
+ मूलभूत सुविधाओं के साथ ही भविष्य की जरूरतों के अनुसार तय करेंगे विकास की प्राथमिकताएं
+ रविशंकर तिवारी के पिता स्व० परमानन्द तिवारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे और आजादी के लिए झेली कठोर कारावास की सजा
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लालकुआं ( नैनीताल ), उत्तराखण्ड में आगामी नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर अलग-अलग पार्टियों से सम्भावित दावेदारों में हलचल तेज हो चली है और उनके नाम अब धीरे-धीरे सामने भी आने लगे हैं। यह सर्व विदित है कि ” शैल शक्ति ” न्यूज पोर्टल द्वारा आगामी नगर निकाय चुनावों में लालकुआं नगर पंचायत चेयरमैन सीट पर अपनी किस्मत आजमाने के इच्छुक ऐसे तमाम दावेदारों से बातचीत कर उनकी दावेदारी का आधार व विकास के विजन को जनता के समक्ष लाने का अभियान शुरू किया गया है, ताकि आम मतदाता अपने भावी प्रतिनिधि को लेकर एक स्वस्थ राय बना सके ।
पूर्व निर्धारित अभियान के इसी क्रम में हमारी टीम ने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर तिवारी से उनकी दावेदारी को लेकर विस्तार से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश —

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रविशंकर तिवारी एक लोकप्रिय समाजसेवी के रूप में जाने जाते हैं। निकट भविष्य में सम्भावित नगर निकाय चुनावों में लालकुआं नगर पंचायत चेयर मैन सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। इसके लिए बाकायदा वह अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। ” शैल शक्ति ” से बात करते हुए रविशंकर तिवारी ने कहा कि पार्टी संगठन से यद्यपि अभी तक किसी का नाम तय नहीं हुआ है, फिर भी उनको विश्वास है कि इस बार पार्टी उन्हें चेयरमैन सीट पर चुनाव लड़ने का अवश्य मौका देगी । यदि ऐसा हुआ तो वह पार्टी संगठन की जीत की उम्मीदों पर अवश्य खरे उतरेंगे । श्री तिवारी ने कहा कि नगर पंचायत चेयर सीट सामान्य होने की स्थिति में वह अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं, क्योंकि चालीस वर्षो से जनता के बीच रहकर उन्होंने आम लोगों के लिए बिना किसी भेदभाव के जमीनी स्तर पर काम किया है और जनता की भावनाओं को देखते हुए ही उन्होंने इस बार पूरी ताकत से अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है।
कांग्रेस संगठन की ओर से कई अन्य लोगों की दावेदारी के बाबत पूछे जाने पर रविशंकर तिवारी ने कहा कि लोकतात्रिक व्यवस्था में हर किसी को दावेदारी पेश करने और चुनाव लड़ने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन पार्टी का अनुशासन सर्वोपरि है, जिस किसी का भी नाम तय होगा, पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उस निर्णय का सम्मान करेंगे और स्वागत करेंगे । उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार से आते हैं और चालीस वर्षों से समर्पित भाव से पार्टी के लिए काम करते आ रहे हैं। लम्बे राजनीतिक अनुभव तथा जनता के मुद्दों को लेकर उनकी सक्रियता एवं लगातार संघर्षों से पार्टी संगठन के साथ ही जनता भी भलीभाँति परिचित है । श्री तिवारी ने कहा कि पार्टी के विभिन्न पर्दों पर रहते हुए आम लोगों के लिए किये गये कार्यों के आधार पर ही वह चुनाव में जनता के बीच जाकर आशीर्वाद मागेंगे । उन्होंने कहा कि जनता का आशीर्वाद मिला तो वह लालकुआं नगर पंचायत क्षेत्र में विकास का एक ऐसा मॉडल खड़ा करेंगे जो पूरी तरह ईको फ्रेंडली होगा और दूरगामी, स्थाई व सुखद लाभ देने वाला होगा ।
रविशकर तिवारी ने आगे कहा कि विकास की प्राथमिकताएं मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तय होनी चाहिए और इसको लेकर वह बेहद गम्भीर हैं।
नगर पंचायत क्षेत्र में पूर्व में हुए विकास कार्यों को लेकर श्री तिवारी ने कहा कि हर चेयरमैन ने अपनी क्षमता, सामर्थ्य व अनुभव के आधार पर बहुत से विकास कार्य अवश्य किये, परन्तु नई पीढ़ी की जरूरतें व अपेक्षाएं पूरी तरह से अलग हैं । अब जरूरत है नई पीढ़ी के सपनों के अनुरूप कार्य करने की । उन्होंने कहा कि विकास के परम्परागत तौर तरीकों की बजाय भविष्य पर केन्द्रित नीतियां बना कर आगे बढ़ना समय की मांग है ।
यहाँ बताते चलें कि रविशंकर तिवारी के पिता स्व० परमानन्द तिवारी एक देशभक्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे। देश के लिए संघर्ष करते हुए वर्ष 1942 में अंग्रेजी हुकूमत ने उनको बलिया ( उत्तर प्रदेश ) से गिरफ्तार कर लिया और 16 बेंत व पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाकर उनको बलिया से लखनऊ भेज कर सीतापुर जेल में ठूंस दिया गया । जेल में अनेक यातनाएं सहते हुए वर्ष 1947 में आजादी मिलने के साथ ही उनको रिहा किया गया।

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आजादी के बाद वर्ष 1952 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को देश के अलग-अलग हिस्सों में कृषि हेतु भूमि आवंटित करने की देश व्यापी योजना शुरू हुई । इसी के तहत परमानन्द तिवारी को भी उधमसिंह नगर जनपद अन्तर्गत किच्छा के इन्दरपुर गॉव में 15 एकड़ भूमि आवंटित की गयी ।
बलिया उत्तरप्रदेश के मूल निवासी होने के बावजूद परमानन्द तिवारी खेती बाड़ी से जीवन यापन करने के लिए अपने परिवार सहित तराई के इन्दरपुर गॉव आकर बस गये और इसी भूमि को अपनी कर्म भूमि बना लिया।
स्व परमानन्द तिवारी के परिवार में तब उनकी धर्मपत्नी श्रीमती जगरानो देवी के अलावा चार पुत्र और दो पुत्रियां थी । पुत्रों में सबसे बड़े आत्मानन्द तिवारी, दूसरे धर्म देव तिवारी, तीसरे राम जन्म तिवारी और चौथे पुत्र रविशंकर थे । दो पुत्रियां कमशः लखराजो देवी और कमला देवी थी। अपने सभी भाई-बहनों में रविशंकर तिवारी सबसे छोटे थे।
रविशंकर तिवारी के दो भाई- आत्मा नन्द तिवारी की वर्ष 2012 में तथा राम जन्म तिवारी की वर्ष 2019 में मृत्यु हो गयी थी । उनकी दोनों बड़ी बहनें भी अब इस दुनियां में नहीं हैं। जबकि उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी स्व० परमानन्द तिवारी का वर्ष 1977 में और माता स्व० जगरानो देवी का वर्ष 1984 में ही निधन हो गया था।
रविशंकर तिवारी की प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा इन्दरपुर गॉव में ही हुई। हाईस्कूल की शिक्षा चन्दौली बनारस से और इन्टरमिडिएट की शिक्षा पन्तनगर से की । पढ़ाई – लिखाई के साथ ही खेती – बाड़ी करते हुए रविशंकर तिवारी ने कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़कर स्थानीय राजनीति में कदम रखा। वर्ष 1989 में कांग्रेस सेवा दल लालकुआं के नगर अध्यक्ष रहे और लगातार कई वर्षों तक अपनी सेवाएं दी । बाद में 2-3 साल जिला महामंत्री के रूप में और फिर जिला उपाध्यक्ष के पद पर रहकर पार्टी संगठन में सेवाएं दी ।
वर्ष 1999 में रविशंकर तिवारी किसान सेवा सहकारी संघ नारायणपुर- उधमसिंह नगर के निर्वाचित चेयर मैन बने और 3 वर्ष तक इस पद पर रहकर किसानों के लिए बहुत से कार्य किये। बाद में दो वर्ष तक इसी संघ के प्रशासक का कार्य दायित्व भी संभाला ।
वर्तमान में रविशंकर तिवारी के चार पुत्र व एक पुत्री हैं । सबसे बड़ा पुत्र अजय कुमार तिवारी दुबई में रहते हैं, दूसरे और तीसरे पुत्र करमशः विजय कुमार तिवारी व अभय कुमार तिवारी लालकुआं स्थित सैंचुरी पेपर मिल में ठेकेदारी करते हैं जबकि सबसे छोटा पुत्र निर्भय कुमार तिवारी का अपना निजी व्यवसाय है। पुत्री रेनू पाण्डे ससुराल में अपने परिवार के साथ प्रसन्न हैं।
रविशंकर तिवारी बचपन से ही एक भरे पूरे परिवार में रहे हैं। इसीलिए पारिवारिक व सामाजिक जिम्मेवारियों को भली प्रकार समझते हैं। क्षेत्रभर में तमाम सामाजिक व सास्कृतिक गतिविधियो में भी हमेशा अपनी सक्रिय भागीदारी निभाते आये हैं। पर्व, उत्सव, त्यौहार, रामलीला आदि में अपना हर सम्भव योगदान करते आये हैं। परिवार का परिवेश पूरी तरह धार्मिक होने के कारण धार्मिक कार्यों और मन्दिरों में विशेष रुचि रखते हैं और समर्पित भाव से अपनी सेवाएं समर्पित करते हैं। मॉ अवन्तिका देवी के प्रति भी श्री तिवारी की और पूरे परिवार की विशेष आस्था रही है, इसीलिए तो यहाँ धार्मिक आयोजनों व सौन्दर्यीकरण आदि कार्यों में बढ़ चढ़ कर सहयोग करते हैं।
रविशंकर तिवारी आज भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में राजनीति में सक्रिय हैं और अब नगर पंचायत लालकुआं चेयरमैन सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
श्री तिवारी बताते हैं कि पूर्व में स्वलत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को राजनीतिक पीढ़ी कहा जाता था । बाद में प्रधानमंत्री स्व० इन्दिरा गांधी द्वारा उनको सेनानी का दर्जा दिया गया और साथ ही सम्मान में ताम्रपत्र देकर पैंशन भी शुरू की गयी।
अपने चुनावी मुद्दों को लेकर रविशंकर तिवारी कहते हैं कि आम जनता, अधिकारी और कर्मचारियों के बीच परस्पर समन्वय बिठाकर ही विकास योजनाएं बनाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा नगर पंचायत क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पेयजल, विजली, आवागमन, परिवहन सुविधा तो मुख्य हैं ही इसी के साथ क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं में मालिकाना हक, बाईपास निर्माण, खेल स्टेडियम, व्यावसायिक प्रशिक्षण सस्थान, बस अड्डा निर्माण आदि शामिल हैं। इन सबका निराकरण हुए बिना लालकुआं क्षेत्र का विकास अधूरा ही माना जाता रहेगा।
उन्होंने कहा कि पार्टी का सहयोग और जनता का समर्थन मिला तो उपरोक्त सभी समस्याओं का समाधान कर क्षेत्र में विकास का एक आधुनिक मॉडल तैयार करना ही उनकी प्राथमिकता रहेगी ।

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