Category: फीचर्स

दृष्टिकोण : अनुचित है जातीय वैमनस्य को बढ़ावा देने का कृत्य

(डॉ. सुधाकर आशावादी-विभूति फीचर्स) गतिशील समाज में शांति और सौहार्द से जीवन यापन कुछ अराजक शक्तियों को नही सुहाता, सो अराजक तत्व नित नए मुद्दे ढूँढकर समाज की शांति भंग….

व्यंग्य : अब मांगलिक नहीं दांगलिक योग देखकर करें शादी

  बड़ा लोचा है आजकल,बहुत खबरें मिल रही हैं कि पत्नियां अब पतियों को निपटाने में लगी हैं, पति पहले ही बेचारा अधमरा था अब तो पूर्णमरा होने लगा,कोई शादी….

महर्षि वेद व्यास से एआई तक :गुरु की आवश्यकता अपरिवर्तनीय

    महर्षि वेद व्यास ने महाभारत, पुराणों और भारतीय ज्ञान-परंपरा को संरचित किया, वे गुरु परंपरा के मूल प्रतीक हैं। उनकी भूमिका मात्र ज्ञान देने की नहीं, बल्कि धर्म,….

महिला संतो के अखाड़े ‘हाशिये’ पर क्यों

  (विजय कुमार शर्मा-विनायक फीचर्स) सनातन परंपरा में नारी को शक्ति, ज्ञान और तप का प्रतीक माना गया है- सरस्वती, दुर्गा, सीता, गार्गी, मैत्रेयी इसके प्रमाण हैं। फिर आज के….

स्मृति शेष : ध्रुव तारे की तरह चमक कर पुच्छल तारे की तरह लुप्त हुई शैफाली जरीवाला

कांटा लगा फेम शैफाली जरीवाला के असमय निधन की खबर से मैं दुखी हूं। शैफाली गुजरात की बेटी लेकिन ग्वालियर की बहू थी। अपने जमाने के चर्चित शराब कारोबारी स्वर्गीय….

आपातकाल: भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की सबसे दुखद और शर्मनाक घटना

(विष्णुदत्त शर्मा-विभूति फीचर्स) “कांग्रेस का लोकतंत्र में विश्वास तब तक है जब तक वह सत्ता में है। जब वह सत्ता से बाहर होती दिखाई देती है, वह संविधान और लोकतंत्र….

आपातकाल में इंदिरा गांधी की भूमिका

  (दिनेश चंद्र वर्मा-विनायक फीचर्स) आपातकाल के वे दिन, भारतीय इतिहास के सर्वाधिक कलुषित दिनों के रूप में याद किए जाएंगे। आपातकाल के नाम पर इस देश में जो तानाशाही….

लेखक को संपादक, कलाकार को निर्देशक निखारता है

  कल्पना कीजिए एक कलम है-शानदार, सुनहरी, और चमकती हुई। पर उसमें स्याही न हो तो वह सुंदर होकर भी निरर्थक है। या फिर मंच पर एक जबरदस्त अभिनेता खड़ा….

वर्तमान युद्ध परिदृश्य में शांति की अवधारणा

  शीत युद्ध की समाप्ति के पश्चात् एक नए शांतिपूर्ण विश्व व्यवस्था के उदय की आशा थी। परन्तु इक्कीसवीं सदी के इस तीसरे दशक में दुनियां एक विडंबनापूर्ण वास्तविकता के….

अवसाद का सामना करने में योग की भूमिका

(कुमार कृष्णन -विभूति फीचर्स) राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2024 के अनुसार भारत में लगभग हर बीस में से एक व्यक्ति अवसाद से पीड़ित हो सकता है। यह सर्वेक्षण दर्शाता है….