दुर्लभ रहस्य : श्रीकृष्ण व ब्यास जी के द्वारा इस प्रकार की गयी थी माँ भद्रकाली की स्तुति
माँ जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे। जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे॥1॥ जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे। जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे॥2॥ जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे। जय देवि….