भागवत भगवान का हृदय है : आचार्य पंo पूरन चन्द्र त्रिपाठी

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हल्दूचौड़। रिम्पी बिष्ट
कालिका मंदिर(तल्ला) हल्दूचौड़ जयराम में चल रही श्रीमद भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा के पांचवे दिन श्रद्धालु भक्तगणो की जबरदस्त भीड़ उमड़ी। इस दौरान कथा व्यासत्व आचार्य पं0 पूरन चन्द्र त्रिपाठी ने श्रद्धालु भक्तगणो को कथावाचन करते हुए कहा कि मनसा, वाचा, कर्मणा अर्थात व्यक्ति को उस स्थिति को प्राप्त करने का प्रयत्न करना चाहिए जहां उसके विचार, वाणी और कार्यों का आपसी संयोग हो। कथा के दौरान उन्होने भगवान श्रीकृष्ण की लीला व महिमा का गुणगान किया। उन्होंने श्री कृष्ण की लीला सुनाते हुए बताया कि वह मिट्टी में नहाते, खेलते और खाते हैं ताकि पृथ्वी का उद्धार कर सकें। गोपबालकों ने जाकर यशोदामाता से शिकायत कर दी–’मां तेरे लाला ने माटी खाई है यशोदामाता हाथ में छड़ी लेकर दौड़ी आयीं। ‘अच्छा खोल मुख।’ माता के ऐसा कहने पर श्रीकृष्ण ने अपना मुख खोल दिया। श्रीकृष्ण के मुख खोलते ही यशोदाजी ने देखा कि मुख में चर-अचर सम्पूर्ण जगत विद्यमान है। आकाश, दिशाएं, पहाड़, द्वीप, समुद्रों के सहित सारी पृथ्वी, बहने वाली वायु, वैद्युत, अग्नि, चन्द्रमा और तारों के साथ सम्पूर्णज्योतिर्मण्डल, जल, तेज अर्थात प्रकृति, महतत्त्व, अहंकार, देवगण, इन्द्रियां, मन, बुद्धि, त्रिगुण, जीव, काल, कर्म, प्रारब्ध आदि तत्त्व भी मूर्त दीखने लगे। पूरा त्रिभुवन है, उसमें जम्बूद्वीप है, उसमें भारतवर्ष है, और उसमें यहब्रज, ब्रज में नन्दबाबा का घर, घर में भी यशोदा और वह भी श्री कृष्ण का हाथ पकड़े। बड़ा विस्मय हुआ माता को। श्री कृष्ण ने देखा कि मैया ने तो मेरा असली तत्त्व ही पहचान लिया है। श्री कृष्ण ने सोचा यदि मैया को यह ज्ञान बना रहता है तो हो चुकी बाललीला, फिर तो वह मेरी नारायण के रूप में पूजा करेगी। न तो अपनी गोद में बैठायेगी, न दूध पिलायेगी और न मारेगी। जिस उद्देश्य के लिए मैं बालक बना वह तो पूरा होगा ही नहीं। यशोदा माता तुरन्त उस घटना को भूल गयीं।

महाराज ने कहा कि आज कल की युवा पीढ़ी अपने धर्म अपने भगवान को नही मानते है, लेकिन तुम अपने धर्म को जानना चाहते हो तो पहले अपने धर्म को जानने के लिए गीता, भागवत ,रामायण पढ़ो तो, तुम नहीं तुम्हारी आने वाली पीढ़ी भी संस्कारी हो जायेगी।
इस दौरान मुख्य यजमान रमेश चन्द्र दुम्का, ग्राम प्रधान हेमा पूरन जोशी, समाजसेवी सुरेश दुम्का, विपिन दुम्का, पूर्व प्रधान पूरन फुलारा, विनोद दुम्का राजेश जोशी, पूर्व बीडीसी मेम्बर पूजा बिष्ट, पूर्व प्रधान बीड़ी खोलिया, भोला दुम्का, नवीन दुम्का सहित तमाम लोग उपस्थित थे।

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