सेंचुरी मिल के प्रशासनिक अधिकारी हेमेंद्र राठौड़ को पितृ शोक,सरल व सहज व्यक्तित्व के धनी थे गौ सेवक रतन सिंह

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+ पूर्व पंचायत प्रसार अधिकारी रहे हेमेंद्र राठौड़ के पिता रतन सिंह राठौड़
+ सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक गतिविधियों में रखते थे विशेष रुचि
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लालकुआं ( नैनीताल ), नगर स्थित सैंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल में बतौर प्रशासनिक अधिकारी सेवारत, हेमेन्द्र राठौड़ के पिता रतन सिंह राठौड़ का 75 वर्ष की आयु में बीते 21 सितम्बर को जयपुर राजस्थान के सी के विरला हॉस्पीटल में निधन हो गया ।
स्व० रतन सिंह लगभग एक माँह से बीमार चल रहे थे। 29 अगस्त को तबियत बिगड़ जाने से उनको जयपुर के ही शेल्बी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था । स्वास्थ्य में अपेक्षित सुधार न होने पर उन्हें 2 सितम्बर को सी के बिरला हॉस्पीटल जयपुर में भर्ती करा दिया गया। वहाँ उनका स्वास्थ्य काफी ठीक हो गया था, इसीलिए 12 सितम्बर को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई ।
14 सितम्बर को डायलिसिस करवाने के दौरान अचानक स्व रतनसिंह की हालत फिर से बिगड़ गयी और जल्दी में एक बार फिर सी के बिरला हॉस्पीटल में भर्ती करा दिया गया। एक सप्ताह तक आई सी यू में भर्ती रहकर भी उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आती रही और अन्ततः 21 सितम्बर की रात्रि अन्तिम सॉस के साथ वह अनन्त पथ को प्रस्थान कर गये।
हेमेंद्र राठौड़ के पिता स्व रतनसिंह राठौड़ पूर्व में पंचायत प्रसार अधिकारी के पद पर कार्यरत रहे थे। सेवानिवृत्ति के बाद वह अनेक सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों से जुड़कर जरूरतमंदों के लिए काम करने लगे। अपनी विलक्षण बुद्धि व अनुशासित कार्यशैली के चलते सेवाकाल में वह जहाँ कहीं भी रहे, सभी जगह काफी लोकप्रिय रहे।
अत्यधिक सरल व सहज व्यक्तित्व के धनी स्व० रतनसिंह जीवन भर सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धान्त को ही मानते और अपनाते रहे । मिलनसार व मधुरभाषी होने के कारण समाज में हर प्रकार के लोगों के साथ वे जल्दी घुलमिल जाते थे।
सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त होकर स्व० रतनसिंह ने गौ पालन व गौ सेवा के अपने पुराने उद्देश्य को विस्तार देने का निश्चय किया और इसी के साथ कुछ लोगों के साथ मिलकर भदूण गांव में एक गौशाला का संचालन आरम्भ कर दिया । जो राजस्थान के अजमेर जिले में है
श्री बालाजी गौशाला भदूण के नाम से प्रसिद्ध इस गौशाला के माध्यम से स्व० रतनसिंह ने क्षेत्रभर में कई अन्य लोगों को भी गौ पालन तथा गौ सेवा के लिए लगातार प्रेरित व प्रोत्साहित किया।
लम्बे समय तक श्री बालाजी गौशाला भदूण में कोषाध्यक्ष के रूप में उन्होंने अपनी यादगार सेवाएं दी। 15 अगस्त 2024 को अचानक उन्हें लगा कि अब गौशाला के कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेवारी किसी अन्य सदस्य को मिलनी चाहिए। उन्होंने इस बाबत गौशाला पदाधिकारियों को अवगत कराया और सभी लोगों के साथ मीटिंग करके अन्ततः सभी की उपस्थिति में 24 अगस्त 2024 को अपनी सेवा त्याग की घोषणा के साथ ही अपना सारा चार्ज गौशाला प्रबन्धन को सौंप दिया । सप्ताह भर के अन्दर ही स्व रतन सिंह राठौर अचानक बीमार हो गये और 29 अगस्त को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अलग – अलग अस्पतालों में तीन हफ्ते तक उपचार कराते हुए अन्ततः 21 सितम्बर को स्वधाम के लिए प्रस्थान कर गये और 22 सितम्बर 20 24 की दोपहर भदूण गॉव में अन्तिम संस्कार के साथ ही उन्हें सदैव के लिए विदाई दी गयी।
कुल मिलाकर अपने मानवीय व्यवहार, मिलनसार आदत, ईमानदारी, अनुशासन एवं परोपकारी भाव के रहते स्व० रतनसिंह राठौड़ अपना जीवन सार्थक कर गये।
उनके निधन पर विश्व प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य मृदृल कांत शास्त्री मिल के सीईओ अजय गुप्ता सीएफओ महेन्द्र हरित , हेड एचआर अरुण प्रकाश पाण्डेय,महाप्रबंधक नरेश चन्द्रा महाप्रबंधक एस० के० बाजपेयी सहित सभी श्रम संगठनों के पदाधिकारियों एवं श्रमिकों सहित अनेकों ने शोक व्यक्त किया है

वे अपने पिछे भरा पूरा परिवार छोड़ गये है उनके दो पुत्र मोहिन्द्र सिंह, हेमेन्द्र सिंह के अलावा पौत्र धनन्जय सिंह आदित्य सिंह , एवम मोहन सिंह ,रघुबीर सिंह, हिम्मत सिंह (काका) मदन सिंह, भवानी सिंह ,नन्दू सिंह ,अजय पाल सिंह(भाई) रणजीत सिंह ,विरेन्द्र सिंह कुलदीप सिंह सहित तमाम परिजनों का भरा पूरा परिवार है स्व० श्री रतन सिंह जी का शीशी पूजन एवं गंगा प्रसादी संस्कार कार्यक्रम बुधवार दो अक्टूबर को है

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