गंगोलीहाट के गणेश्वर महादेव की गुफा गुमनामी के साये में गुम, पुराण ने गायी है अद्भूत महिमां

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पिथौरागढ़/भगवान गणेश व शिव को समर्पित स्कंद पुराण में उल्लेखित गणेश्वर गुफा गुमनामी के साये में गुमनाम है महर्षि वेद व्यास जी ने इस गुफा का जितनें सुनहरे शब्दों में वर्णन किया है इस गुफा की बदहाली उतनी ही विकट है गुफाओं की नगरी गंगोलीहाट क्षेत्र में पाताल भुवनेश्वर के निकट स्थित गणेश्वर महादेव की गुफा नानी शीतला गॉव के समीप स्थित माँ शीतला के पावन सानिध्य में विराजमान है इस आंचल में गणेश्वर गुफा शीतला गुफा व सिद्धों का आश्रम तीर्थाटन के बदहाली की दांस्ता बयां करता नजर आता है
भगवान श्री रामचन्द्र जी के पूर्वज राजा ऋतुपर्ण की यह अत्यन्त प्रिय स्थली आज अपनी पहचान को छटपटा रही है संसार में जितने भी पौराणिक महत्वपूर्ण शिवलिंग है वे सब पाताल भुवनेश्वर के निकट है पुराण के अनुसार इस क्षेत्र में छियासी ऐसी गुफाऐ उल्लेखित है जिनका आध्यात्मिक इतिहास अपनें आप में अदितीय है

 

अभी कुछ ही गुफाएं प्रकाश में है शेष खोजे जाने की आवश्यकता है गंगोलीहाट की गणेश्वर गुफा के बारे में चंद लोगों को ही जानकारी है जबकि यह इतना मनभावन स्थल है जिसकी सौदर्यता व अलौकिकता का वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता है

स्कंद पुराण के 104 वें अध्याय में गणेश्वर गुफा का अद्भूत वर्णन मिलता है पाताल भुवनेश्वर की सुन्दर महिमां का वर्णन सुननें के पश्चात् जब उन्होंने आसपास के तीर्थों की महिमां जाननी चाही तो उन्हें महागुप्त रहस्य के रूप में व्यास जी ने गणेश्वर की गुफा शीतला माता का पावन स्थान सिद्धों के आश्रम की महिमां का वर्णन ऋषियों के समुदाय को सुनाते हुए कहा यह क्षेत्र भुगृ ऋषि की तपोभूमि है उन्होंने ही इन पर्वतों पर स्थित तीर्थों की महिमां भार्गव को बतलायी थी वहीं मैं आपके सामनें वर्णन करता हूँ
पुण्यशील इस महाक्षेत्र के बारे में व्यास जी ने ऋषियों को बताया वृद्ध भुवनेश्वर का पूजन करने से कोटि कुलों का उद्वार होता है इसके पश्चात् उन्होंने कटोरा देवी का जिक्र करते हुए हुए कहा है इस देवी का पूजन करनें से समस्त मनोरथ सिद्ध होते है आगे शीतला माता की महिमा का अतुलनीय जिक्र करते हुए कहा माता शीतला के भक्त समस्त भयों से दूर रहते है शीतला गुफा के उत्तरी परिधी में कैलाश कोण का जिक्र गणेश्वर गुफा के विराट आध्यात्मिक वैभव को दर्शाती है कैलाश कोण से उत्पन गंगा को जटा गंगा कहा गया है इस गंगा में स्नान के फल की महिमां को वर्णित करते हुए व्यास जी ने पुराण के माध्यम से कहा है यहाँ स्नान करने के पश्चात मानव कान्ति वान होकर शिव लोक को प्राप्त होता है यह क्षेत्र पूर्वजों के उद्वार के लिए विशेष रूप से प्रभावशाली है इसी के उत्तर में सिद्धों के आश्रम का जिक्र आता है और इसी परिधी में गणेश्वर की गुफा की गाथा गायी गयी है कहा गया है इस गुफा में गणेश्वर का पूजन करनें से दुर्लभ मुक्ति की प्राप्ति होती है यहां गणवती व भागीरथी नदी का संगम बताया गया है और इस नदी में भी स्नान के महत्व का बखान करते हुए कहा गया है इसमें स्नान करने से एक सौ तीन कुलों का उद्वार होता है
कुल मिलाकर भृगु ऋषि की यह तपोभूमि गणेश्वर गुफा तीथार्टन की दृष्टि से बेहद उपयोगी है लेकिन गुमनामी के चलते उपेक्षित है पाताल भुवनेश्वर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नीलम भण्डारी व नानी शीतला गाँव के युवा महिपाल सिंह भण्डारी ने सरकार से इस गुफा को तीर्थाटन के रूप में विकसित किये जाने की मांग की है

लोकेशन- पिथौरागढ़
रिपोर्ट रमाकान्त पन्त

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