जनपद पिथौरागढ़ के अनेक भागों में ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़नें वाली सड़कों का बड़ा बुरा हाल है ग्रामीण लम्बें समय से सड़कों की मांग करते आ रहे है काल की क्रूर छाया बनी पहाड़ियों व मौत का मुहाना बनी सड़के पहाड़ों की दुर्गति का प्रत्यक्ष नमूना बनकर रह गयी है राज्य में पर्यटन विकास के दावें कई सालों से हो रहे है राज्य निर्माण होनें से पूर्व भी केन्द्र व राज्य सरकारें यहाँ के आर्थिक विकास में पर्यटन उद्योग की व उसके विकास की कोरी घोषणायें करती रही जो आज भी यथावत है पर्यटन का दिखावा प्रमुख हिल स्टेशनों से आगे नही बढ़ पाया है आज भी अनेक क्षेत्रों के वाशिंदें मार्ग निर्माण के अभाव में घोर झंझावतों को झेल रहे है
जनपद की खूबसूरत पहाड़ियों में स्थित ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़नें वाली सड़कें बदहाल है बदहाली का ऐसा ही घोर रूप देखनें को मिलता है गंगोलीहाट विधान सभा क्षेंत्र के अन्तर्गत सुकल्याड़ी से पभ्या मानतोली गुरैना आगर मोटर मार्ग जो इतना बदहाल है कि इस मार्ग पर पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है क्षेत्र के तमाम ग्रामीणजन लंबे समय से मार्ग निर्माण की मांग करते-करते थक चुके हैं पर्यटन एवं तीर्थटन की दृष्टि से यह क्षेत्र बड़े ही महत्वपूर्ण हैं यहां के खूबसूरत गांव बड़े ही मनोहारी मनभावन दृश्यों को अपने आंचल में समेटे हुए है सांस्कृतिक विरासत की विशेष पहचान रखने वाले इन ग्रामीण क्षेत्रों से लोग संसाधनों के अभाव में काफी संख्या में पलायन कर चुके हैं शेष बचे लोगों की आखें विकास की राह देखते-देखते थक चुकी है
हिमालय की पावन भूमि जनपद पिथौरागढ़ के बेरीनाग क्षेत्र में स्थित ग्राम पभ्या आदि ये गाँव आध्यात्मिक दृष्टि से जितने समृद्धशाली है, सनातन धर्म के प्रचार प्रसार की दृष्टि से उतना ही महत्वपूर्ण भी, तीर्थाटन के लिहाज से इन क्षेत्रों का अवलोकन करें तो विश्व की सर्वोपरि शक्ति दस महाविद्याओं में एक प्रसिद्ध एंव पौराणिक शक्तिपीठ माँ त्रिपुरा सुंदरी का भव्य मंदिर पभ्या ग्राम के पास ही स्थित है ।यह देवी क्षेत्रवासियों की ईष्ट देवी व कुलदेवी के रूप में परम पूजनीय है।
यही वह देवी है जिसनें भगवान विष्णु की चिन्ता का हरण किया और बिष्णु चिन्तानिवारिणी देवी के नाम से जगत में पूजित एंव वन्दित है। पभ्या गाँव के चारों ओर स्थित नागपर्वतों पर अदृश्य रुप से विराजमान नागराजाओं सहित भगवान मूलनारायण भी माँ त्रिपुरा देवी की आराधना करते है, इस विषय में स्कध पुराण में विस्तार के साथ पढ़ा जा सकता है। यही कारण है, कि पभ्या गाँव के समीप स्थित त्रिपुरा देवी को पभ्या गाँव के महान् शिव एंव भद्रकाली के भक्त स्व० प्रयाग दत्त पंत शक्तिपीठों का शिरोमणी कहते थे। अपनें जीवन काल में परम प्रतापी आध्यात्मिक पुरुष स्व० प्रयाग दत्त पंत ने इस स्थान पर अपनी सुधामयीवाणी की धार से अनेक पुराणों का सुन्दर वाचन किया। उनके प्रति चिरस्थायी यादें आज भी लोगों के हृदय में श्रद्वा भाव के साथ झलकती है।
लेकिन ग्रामीण जनों को यहाँ तक पहुंचनें के लिए घोर मशक्कत का सामना करना पड़ता है
शिवालय व शक्तिपीठों की अद्भूत श्रृखंला अलौकिक विरासत के रुप में इन तमाम गाँव के चारों ओर के पर्वतों पर झलकती है। कोटेश्वर महादेव की पौराणिक गुफा की कथाओं में भी इन गाँव का जिक्र आता है। यह गुफा भी इन तमाम गाँवों से कुछ ही किमी दूर कोटेश्वर गाँव में स्थित है। जिसकी गाथा महर्षि भृगु, राजा मृत्युजंय आदि से जुड़ी हुई है।विराट आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता पभ्या गांव में प्रकृति का अनुपम वातावरण, सीढ़ीनुमा सुन्दर खेत, देवदार, बाँज, उतीश, काफल, बुराशं के मनोहारी वन ,लोक देवताओं के मंदिर मूसलेश्वर महादेव की गुफा बरबस ही आगन्तुकों को आकर्षित करते है सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार में यहाँ के लोगों का अपूर्व योगदान रहा है। सुकल्याड़ी तक पहुंचनें में ही तमाम ग्रामीण जन मार्ग के अभाव में काफी परेशान रहते है शेष संसाधनों की तो बात ही क्या करें
वर्षो से मार्ग निर्माण की मांग कर रहे ग्रामीणों ने इस बार मार्ग निर्माण के लिए मुख्यमन्त्री से गुहार लगायी है मुख्यमन्त्री के नाम प्रेषित मांग पत्र में ग्रामीणों ने कहा है जनपद पिथौरागढ के विधानसभा क्षेत्र गंगोलीहाट के अन्तर्गत सुकल्याड़ी से पभ्या मानतोली गुरेना आगर मोटर मार्ग का शीघ्र निर्माण कराया जाए
क्षेत्र के समस्त ग्रामीणों को हो रही भारी परेशानियों का जिक्र करते हुए मुख्यमन्त्री के नाम भेजे गये पत्र में कहा गया है .
उपरोक्त विषयक मोटर मार्ग की मूल स्वीकृति 16 अगस्त 2010 को सभी ग्रामीणवासियों की वर्षों से निरन्तर की जा रही मांग के अनुसार उत्तराखण्ड शासन से प्रदान की गयी थी। उक्त मोटर मार्ग की स्वीकृति होने के उपरान्त समस्त क्षेत्रवासियों में अपार खुशी का माहौल था, लेकिन आज 14 वर्ष गुजर ने के पश्चात भी हमारी समस्या यथावत ही है, जिससे सभी ग्रामीण स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे है। उक्त मोटर मार्ग की स्वीकृति की लम्बाई 10 किलो मीटर की प्रदान की गयी थी जिससे क्षेत्र की क्रमशः गांव तल्लाशेरा, पभ्या, धारी, खेती, मानतौली, बाध्योली, गुरसुठी, गुरेना, दीपातल, भण्डारी गांव, व ब्याती आदि गांवों सहित लगभग 15 किलोमीटर लम्बाई एवं 5 किलोमीटर चौड़ाई वाले क्षेत्रफल में सघन आवादी वाले लगभग 20 गावं से अधिक के लोग लाभान्वित होते है। जो आज भी सड़क मार्ग के जुड़ने से महरूम है एवं अत्यधिक कठिनाईयों एवं परेशानियों के बढते विभाग, प्रशासन तथा शासन की उपेक्षा के कारण यहां सभी गावों के लोग पलायन कर रहे है व पलायन करने को मजबूर है। इस कारण समस्त ग्रामवासियों में लोक निर्माण विभाग बेरीनांग एवं प्रशासन शासन के प्रति अत्यधिक आकोश पैदा हो रहा है। ग्रामीणों ने कहा लगभग 4 वर्ष पूर्व उक्त मार्ग के प्रथम 5 किलोमीटर लम्बाई में लोक निर्माण विभाग बेरीनाग द्वारा सुकल्याड़ी से बाध्योली तक मार्ग की कटिंग का कार्य किया गया था। उक्त भाग में समस्त ग्रामीणों द्वारा विभाग को भरपूर सहयोग किया गया। वर्तमान में उक्त मार्ग में कटी हुई सड़क पर जगह-जगह मलुवा स्लिप पत्थर विगत बरसात सिजन से जमा हुआ है जो कि लोक निर्माण विभाग बेरीनाग की हीला हवाली के चलते उक्त मार्ग में जे०सी०बी० मशीन तक नही भेजी गयी है। जबकि उक्त मलुवा सफाई का कार्य विभाग द्वारा तत्परता से दीपावली पर्व से पूर्व स्वयं कर देना चाहिए था। इस कारण हम समस्त ग्रामीण अत्यधिक आक्रोशित है, जबकि अनेको बार समय-समय पर ग्रामवासियों द्वारा विभाग व अन्य उच्च स्तर पर ज्ञापन भी देते आये है। जिसकी कोई भी सुनवाई लोक निर्माण विभाग बेरीनाग व उच्च स्तर से नही हो पायी है। बरसात में कुछ ग्रामीणों के घरों में मलुवा व नाली सफाई नही होने से भी बहुत भारी नुकसान सहित परेशानियों का सामना करना पड़ा है इसका मुख्य कारण विभाग द्वारा जगह जगह छोटे बड़े नालों पर इसका स्कपर पुलिया नहीं बनाने सहित मलवा आदि सड़क पर पड़े रहना है। स्कपर नहीं बनने से सड़क सतह पर ही पानी के बहने के कारण पूरा कटिंग का कार्य किया हुआ 5 कि० मी० मार्ग क्षतिग्रस्त एवं बन्द है, जिस कारण क्षेत्रवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है एवं विभाग द्वारा कोई भी कार्य नहीं कराया जाना व विभिन्न स्तरों पर टेलिफोनिक, ज्ञापनों, व अन्यों माध्यमो से अवगत कराये जाने के पश्चात भी उक्त मार्ग की सुध नहीं लेना अपने आप में सोचनीय विषय है। वर्तमान में उपरोक्त मार्ग की प्रथम भाग जो 5 कि० मी० लम्बाई में कटिंग की गई है, उसका सुधार किये जाने हेतु आवश्यक दिवाल एवं स्कपर निर्माण का कार्य आवश्यक है, जिससे जगह जगह सड़क के नीचे रहने वाले ग्रामीणों के घर में पानी, मलवा आदि आने की संभावना कम होगी व सड़क का भी यातायात में छोटे बड़े वाहन चलने से स्थायित्व होगा। इस संबंध में विभाग द्वारा अभी तक आगणन ही गठित नहीं किया गया है, जब कि पार्ट प्रथम का कार्य पूर्ण है। समस्त ग्रामीणों का मुख्यमन्त्री से अनुरोध है कि उक्त मलवा, स्लिप, पत्थर सफाई एवं पार्ट 2 का कार्य यथा शीघ्र कराये जाने हेतु लोक निर्माण बेरीनाग को निर्देशित करने की कृपा करेगें।
उक्त मार्ग के द्वितीय भाग जो कि० मी० 5 से कि० मी० 10 तक 5 कि० मी० लम्बाई का है के मध्य अभी तक कोई भी कार्य नहीं हुआ है उक्त भाग में लगभग 15 ग्रामों की आवादी निवास करती है यहां के लोग सड़क से महरुम तो है ही तथा लम्बे समय से सड़क की मांग करते रहे है। सड़क की सुविधा नहीं मिलने से अधिकांश परिवार पलायन कर गये है। इतनी बड़ी संख्या में इस क्षेत्र के लोगों का पलायन करना सम्मानितों, बुद्धिजीवियों, विभाग, प्रशासन व शासन के लिए प्रश्नचिन्ह है कि 15 वर्ष पूर्व सड़क की स्वीकृति मिलने के बावजूद भी आज तक सड़क मार्ग से बंचित है
ग्रामीणों द्वारा पहले अनेको बार अलग अलग स्तर पर टेलीफोनिक, माध्यम से, ज्ञापनों के माध्यम से, क्षेत्रीय सम्मानित जनों के माध्यम से एवं जनप्रतिनिधियों के माध्यम से हमारी उक्त समस्या के निराकरण की मांग की जाती रहीं है जिसका अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है, जिस कारण हम सभी ठंगा सा महसूस कर रहे है, इसका स्पष्ट उदाहरण अभी तक वर्षात से बंद हुई प्रथम 5 कि०मी० भाग की सड़क की सफाई जे०सी०बी० मशीन द्वारा नहीं किये जाने से ही लगाया जा सकता है। जिस कारण उपेक्षा से आहत ग्रामीण जनों में बेहद आक्रोश है
क्षेत्रवासियों का मानना है कि विभाग, प्रशासन एवं शासन द्वारा सकारात्मक सुनवाई नहीं किये जाने पर आन्दोलन ही एक मात्र विकल्प है।
बारहाल ग्रामीण जनों ने मुख्य मन्त्री से अनुरोध करते हुए लिखा है कि उपरोक्त प्रकरण का संज्ञान लिये जाने सहित संबंधित लोक निर्माण विभाग बैरीनाग को समस्या के निराकरण किये जाने हेतु निर्देशित किये जाने की कृपा करेगें।
मुख्यमंत्री के नाम भेजे गए पत्र में ग्रामीणों ने आशा व्यक्त की है कि उनकी ज्वलंत समस्याओं को समझते हुए शीघ्र ही समस्या के निदान के लिए ठोस कार्यवाही अमल में लाई जाएगी इधर समाजसेवी रमेश चन्द्र उपाध्याय महेश चंद्र पंत आर पी उपाध्याय विनय उपाध्याय गिरीश चन्द्र उपाध्याय गीता देवी सुनील उपाध्याय प्रभाकर उपाध्याय यतीश उपाध्याय मोहन चन्द्र उपाध्याय हेम उपाध्याय गोकुल उपाध्याय यशोधर उपाध्याय गंगा उपाध्याय ने भी सरकार से मांग की है की यथा शीघ्र उपरोक्त मार्ग का निर्माण किया जाए ताकि ग्रामीण मुख्य धारा से जुड़ सकें
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