+ गृह सचिव ने प्रकाशक व लेखक के प्रयास को बताया सराहनीय प्रयास
+ राज्य में धार्मिक पर्यटन व तीर्थाटन को बढ़ावा देने में पुस्तक को बताया महत्वपूर्ण
देहरादून , उत्तराखण्ड राज्य के गृह सचिव शैलेश बगौली को भेंट वार्ता के दौरान ” जय माँ बगलामुखी ” पुस्तक सप्रेम भेंट की गयी।
पुस्तक के प्रकाशक पूर्व दर्जा मंत्री ललित पन्त द्वारा गृह सचिव बगौली को यह पुस्तक भेंट की गयी। गृहसचिव बगौली ने आभार जताते हुए पुस्तक प्रकाशन को अत्यन्त ही सराहनीय कार्य बताया ।
शैलेश बगौली ने कहा कि जिस तरह से पुस्तक में उत्तराखण्ड के पौराणिक तीर्थों एवं देवालयों पर शोधपरक जानकारियां विस्तार से संग्रहीत की गयी हैं, वह अपने आप में अत्यधिक प्रशंसनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में आज भी अनेकानेक पौराणिक देवस्थल हैं, जो वास्तव में प्रकाश में नहीं आ पाये हैं। गृह सचिव ने कहा कि जय मॉ बगलामुखी पुस्तक राज्य में धार्मिक पर्यटन एवं तीर्थाटन को बढ़ावा देने में बहुत महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान चुनौतियों के बीच पुस्तक प्रकाशन करना बहुत बड़ी चुनौती है, फिर भी इस दिशा में सार्थक प्रयास हो रहे हैं, इससे उम्मीद जगती है।
बताते चलें कि जय मॉ बगलामुखी पुस्तक में उत्तराखण्ड समेत उत्तर भारत के अनेक प्रान्तों में स्थित माता बगलामुखी से जुड़े प्राचीन स्थलों पर विस्तार से जानकारियां संगृहीत की गयी हैं। उत्तराखण्ड में उत्तरकाशी जनपद के घुत्तू घनसाली अन्तर्गत बगुली धार क्षेत्र, माता बगलामुखी देवी का प्राचीनतम तीर्थ बताया गया है। प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर यह क्षेत्र आज भी गुमनामी में है। पर्यटन विभाग के नक्शे में सम्मिलित कर इस क्षेत्र में विकास कार्य कराए जाएं तो निकट भविष्य में यह क्षेत्र तीर्थाटन की दृष्टि से एक अदभुत तीर्थ के रूप में सम्मान प्राप्त कर सकता है।



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