+ जन मिलन- जनता मिलन- जन सुनवाई या फिर जनता दरबार जैसे कार्यक्रमों के जरिये लगातार करते आ रहे हैं जनसमस्याओं का निस्तारण
+ विभागीय अव्यवस्थाओं से पीड़ित जनता को राहत व न्याय दिलाना ही आयुक्त दीपक रावत की रही है प्राथमिकता
+ प्रशासनिक कौशल के साथ ही जन सरोकारों को लेकर गहरी संवेदनशीलता साफ झलकती है आयुक्त की कार्य प्रणाली में
नैनीताल ।
कुमाऊं मण्डलायुक्त ( कमिश्नर ) एवं सचिव मुख्यमंत्री, दीपक रावत अपनी बेबाक कार्यशैली एवं आम लोगों की छोटी-बड़ी समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए सदैव तत्पर एवं सुलभ रहने को लेकर अक्सर चर्चाओं में छाए रहते हैं। आम जनता इस बात के लिए तो अब आश्वश्त हो चली है कि उनकी कोई भी समस्या अथवा जायज काम का समाधान कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत की जन सुनवाई में हो जाएगा ।
लम्बे समय से आयुक्त दीपक रावत सरकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाने तथा मूलभूत सुविधाएं प्रत्येक व्यक्ति को सुलभ कराने की दिशा में अपने ही अंदाज में लगातार मिशन मोड में रहते आए हैं । निःसन्देह यही कारण भी है कि अब वह जनता के लिए महज एक जिम्मेवार एवं वरिष्ठ नौकरशाह नहीं, अपितु आम लोगों की एक ‘ उम्मीद ‘ और भरोसे का प्रतीक बन चुके हैं। आम जनता के बीच उत्तरोत्तर बढ़ती उनकी प्रतिष्ठा व लोकप्रियता इस बात की गवाही दे देती है।
समय-समय पर जन मिलन कार्यक्रम, जनता मिलन, जनसुनवाई या फिर जनता दरबार जैसे कार्यक्रमों के जरिये जन समस्याओं का मौके पर ही निस्तातरण कराना, आयुक्त दीपक रावत की पहले से ही सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। कुमाऊं आयुक्त बनने से पहले बतौर जिलाधिकारी नैनीताल, दीपक रावत ने अपनी प्रशासनिक दक्षता का परिचय दे कर जहाँ एक जिम्मेवार अधिकारी के रूप में जनपद वासियों का भरोसा जीत लिया था, वहीं आम लोगों के प्रति निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपनी मानवीय संवेदनाओं से भी जन-जन को परिचित करा दिया था।
कुमाऊं मण्डल आयुक्त के रूप में अपना प्रशासनिक दायित्व संभालने के बाद भी दीपक रावत ने जनसमस्याओं के निस्तारण के लिए अपना मिशन न केवल जारी रखा, अपितु इसे और अधिक गति से आगे बढ़ाया, जो एक अर्से से उनकी कार्यशैली से लगातार साबित होता है।
वर्तमान में कुमाऊं मण्डलायुक्त के साथ-साथ दीपक रावत बतौर सचिव, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड का दायित्व भी संभाले हुए हैं।
इस लिहाज से उनकी कार्य व्यस्तता का अंदाजा लगाया जा सकता है । बावजूद इसके विभागीय व्यवस्थाओं एवं कार्य पद्धति को चुस्त – दुरुस्त बनाए रखने के लिए आयुक्त दीपक रावत, आए दिन किसी न किसी सरकारी विभाग, संस्थान, कार्यालय, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, तहसील आदि में पहुंच कर जरूरी सुविधाओं, व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करते देखे जा सकते हैं। किसी भी प्रकार की लापरवाही, कमी, गड़बडी अथवा अव्यवस्थाएं पाए जाने पर तत्काल जॉच करने व सुसंगत कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करा कर आम लोगों को राहत व पीड़ितों को न्याय दिलाने में ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते देखे जाते हैं।
बता दें कि हल्द्वानी जैसे बड़े शहरों समेत कुमाऊं के तमाम अन्य नगरों में जमीनी विवाद से लेकर जमीनों पर अवैध कब्जे, फर्जी रजिस्ट्री, तहसील से दाखिल खारिज में विलम्ब, मकानों पर कब्जे, विजली चोरी, अतिक्रमण, धोखाधड़ी के मामले, रिश्वत मांगने जैसे अनेकानेक समस्याओं से पीड़ितों को न्याय तथा जनसामान्य को राहत दिलाने मे कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ते ।
युवाओं में आयुक्त को लेकर एक अलग ही क्रेज देखने को मिलता है। कारण यह है कि जब भी आयुक्त दीपक रावत को किसी खेल प्रतियोगिता अथवा टूर्नामेंट के दौरान युवाओं के बीच जाने का अवसर मिलता है, तब उनका व्यवहार देखकर युवाओं को वह एक बड़े अधिकारी की बजाय एक मित्र, शुभ चिन्तक या फिर संरक्षक नजर आते हैं। अत्यधिक सहज व सरल व्यवहार के चलते ही युवाओं के बीच आयुक्त दीपक रावत की खास लोकप्रियता देखी जाती है।
हाल ही में लालकुआं तहसील में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार के चलते हल्दूचौड़ निवासी एक युवा को अपनी जान गंवानी पड़ी थी । इस प्रकरण में एक महिला पटवारी पर भ्रष्टाचार समेत अनेक गम्भीर आरोप लगे थे। उक्त घटना के ठीक अगले दिन ही कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत द्वारा जगह-जगह तहसीलों व सरकारी कार्यालयों के अलावा कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी छापेमारी अथवा स्थलीय निरीक्षण की कार्यवाही की गई।
हल्द्वानी तहसील के निरीक्षण के दौरान आयुक्त को तहसील कार्यालय में बहुत सारी अनियमितताएं व अव्यवस्थाएं देखने को मिली । ड्यूटी में लापरवाही व मनमानी करने वाले एक कानूनगों को फटकार लगाते हुए उसके निलम्बन की कार्यवाही के निर्देश दिए गए । इतना ही नहीं तहसीलदार से जबाब तलब किया गया और अविलम्ब अन्यत्र स्थानान्तरण करने के निर्देश दिए गए। अगले ही दिन आयुक्त द्वारा हल्द्वानी के ट्रासपोर्ट नगर में छापेकारी की गई, जहाँ एक सरकारी एम्बुलेंस 108 सेवा, की मरम्मत की जा रही थी । जांच के बाद पता चला कि सम्बन्धित ड्राइवर द्वारा पेट्रोल की कई गुना ज्यादा खपत दिखाकर चोरी की जाती है। इसके अलावा व्यावसायियों द्वारा की जा रही अनेक मनमानीपूर्ण गतिविधियां भी प्रकाश में आई । आयुक्त द्वारा सभी मामलों में सख्त कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने के निर्देश तत्काल दिए गए।
इस तरह की छापेमारी अथवा स्थलीय निरीक्षण किये जाने की दो- चार घटनाएं नहीं, अपितु इनकी एक लम्बी फेहरिस्त है। बीते तीन महिनों में आयुक्त द्वारा किये गए स्थलीय निरीक्षण व तत्सम्बन्धी कार्यवाही पर नजर डालें तो दर्जनों उदाहरण देखे जा सकते हैं।
कुल मिलाकर कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत अपने प्रशासनिक कौशल एवं कर्तव्य निष्ठा को लेकर किसी परिचय अथवा प्रशंसा के मोहताज नहीं हैं। जन सरोकारों को लेकर गहरी मानवीय संवेदना उनकी कार्यशैली व कार्यप्रणाली में साफ-साफ झलकती है। यही वजह है कि किसी भी प्रकार के अन्याय से पीड़ित व्यक्ति को आयुक्त दीपक रावत में एक उम्मीद दिखाई देती है।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें