वरिष्ठ अधिकारी नरेश चन्द्रा बने सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर्स मिल के उपाध्यक्ष, मित्रों व शुभ चिन्तकों की ओर से लगातार मिल रही हैं बधाइयां

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32 वर्षों की कड़ी मेहनत, ईमानदारी, अनुशासन, कर्तव्य निष्ठा, प्रबन्ध कौशल एवं समर्पित सेवा के फलस्वरूप हासिल किया यह प्रतिष्ठित मुकाम

इस बड़ी उपलब्धि को अपने माता-पिता एवं देवगुरु बृहस्पति का आशीर्वाद मानते हैं नरेश चन्द्रा

शालीनता, विनम्रता, मधुर व्यवहार एवं जन सरोकारों के प्रति सहज सवेदनशीलता के चलते क्षेत्र भर में हैं अत्यधिक लोकप्रिय

निष्ठापूर्वक अपना कर्तव्य निभाने की श्री चन्द्रा ने दोहराई प्रतिबद्धता

लालकुआं ( नैनीताल ), सेंचुरी मिल लालकुआं के वरिष्ठ अधिकारी नरेश चन्द्रा नई पदोन्नति के बाद अब सेंचुरी पल्प एण्ड पेपर मिल के वाइस प्रेसिडेंट बन गए हैं। श्री चन्द्रा की इस उपलब्धि पर उनके मित्रों, शुभ चिन्तकों एवं लालकुआं- बिन्दुखत्ता समेत क्षेत्र भर की जनता की ओर से भी उनको लगातार बधाइयां मिल रही हैं।
नरेश चन्द्रा लगभग 32 वर्षों से सेंचुरी मिल में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं । लगातार कड़ी मेहनत, ईमानदारी, स्वअनुशासन, कर्तव्य निष्ठा, प्रबन्धन कौशल एवं कुल मिलाकर समर्पित सेवाओं के प्रतिफल स्वरूप आज उन्होंने यह प्रतिष्ठित मुकाम हासिल किया है और अपने माता-पिता के साथ-साथ समूचे क्षेत्र को गौरवान्वित किया है।

सेंचुरी मिल में वाइस प्रेसिडेंट के रूप में पदोन्नति पाने से पूर्व नरेश चन्द्रा बतौर वरिष्ठ महाप्रबन्धक, मिल की सामाजिक वानिकी, पर्यावरण, जल प्रबन्धन व सामाजिक दायित्व जैसे विभागों का कार्यभार संभाल रहे थे।

सेंचुरी मिल में बतौर वाइस प्रेसिडेंट पदोन्नत होने पर ” शैल शक्ति ” न्यूज पोर्टल के साथ एक बातचीत में नरेश चन्द्रा ने सेंचुरी मिल प्रबन्धन व समस्त स्नेहीजनों मित्रजनों कर्मचारी जनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज देश की इतनी प्रतिष्ठित मिल में उनको मिली यह उपलब्धि उनके माता-पिता एवं देवगुरु बृहस्पति के आशीर्वाद का ही प्रतिफल है। उन्होने अपनी धर्मपत्नी के सहयोग की भी मुक्त कंठ से सराहना की
अपनी माता जी श्रीमती हीरा देवी व पिता श्री देवकी नन्दन के अशीर्वाद का जिक्र करते हुए अत्यन्त ही भावुक अन्दाज में नरेश चन्द्रा ने कहा कि माता-पिता के आशीर्वाद से ही उन्हें पहली बार 23 सितम्बर 1993 को सेंचुरी मिल में बतौर सहायक अभियन्ता सेवा देने का अवसर प्राप्त हुआ । स्वयम के अथक परिश्रम के साथ-साथ सेंचुरी प्रबन्धन तथा वरिष्ठ अधिकारियों का उनको लगातार मार्गदर्शन प्राप्त हुआ और सहकर्मियों का भी भरपूर सहयोग मिला ।

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नरेश चन्द्रा ने कहा कि देवगुरु भगवान बृहस्पति का एकमात्र मन्दिर उनके गाँव तुषराड़ क्षेत्र में हैं, जहाँ उनके पिता पुरखों की परम्परानुसार पुजारी के रूप में सेवाएं देते आ रहे हैं। वह आगे कहते हैं कि जीवन में उनको जो कुछ भी प्राप्त हुआ है, उसे वह देवगुरु बृहस्पति की महान कृपा मानते हैं।

नरेश चन्द्रा ने कहा कि उनको सेंचुरी मिल में जो नया दायित्व मिला है, उसका निर्वहन वह निष्ठापूर्वक करेंगे और सेंचुरी मिल परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने में हमेशा की तरह तत्पर रहेंगे ।
बताते चलें कि नरेश चन्द्रा अपनी शालीनता, विनम्रता, मधुर व्यवहार एवं क्षेत्रीय जन सरोकारों को लेकर अत्यधिक सवेदनशीलता के चलते न केवल मिल प्रबन्धन के बीच अपितु मिल कर्मियों तथा क्षेत्रीय जनमानस के बीच भी बहुत लोकप्रिय अधिकारी रहे हैं।

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सामाजिक वानिकी, पर्यावरण, जल प्रबन्धन एवं सामाजिक दायित्व जैसे विभागों की जिम्मेवारी कुशलतापूर्वक संभालते हुए श्री चन्द्रा ने सेंचुरी मिल परिसर से लगे क्षेत्रों में जनता से जुड़े अनेकानेक कार्य कराए । ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षारोपण से लेकर पेयजल व्यवस्था, शौचालय निर्माण, मार्ग निर्माण जैसे तमाम कार्यों के जरिए क्षेत्रीय जनता के हितों का लगातार ध्यान रखा । इसके अलावा जरूरतमंदों की मदद करना तथा अन्य सामाजिक कार्यों में सहयोग कराने में वह सदैव तत्पर रहे हैं। यही कारण भी हैं कि वह क्षेत्रभर में एक लोकप्रिय अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।
यहाँ यह भी बताते चलें कि नरेश चन्द्रा की पारिवारिक पृष्ठभूमि धार्मिक व आध्यात्मिक रही है। कर्म को ही पूजा और कर्म को ही धर्म मानते हुए उन्होंने गीता के इस महावाक्य को अपने जीवन में चरित्रार्थ कर दिखाया है। परिवार की आध्यात्मिक व सांस्कृतिक परम्परा के प्रति वह हमेशा सजग रहे हैं और पूरी निष्ठा से उन परम्पराओ का पालन करते आ रहे हैं। बहुमुखी प्रतिभा, प्रबन्धन कौशल एवं आध्यात्मिक व्यक्तित्व के धनी नरेश चन्द्रा के पिता देवकी नन्दन कफल्टिया आज भी अपने गाँव तुषराड़ स्थित पुरातन कालीन देवगुरु बृहस्पति के मन्दिर में पूजा-अर्चना का जिम्मा संभाले हुए हैं और इस तरह पीढ़ियों से चली आ रही अपने पुरुखों की परम्परा का दायित्व निष्ठापूर्वक निभा रहे हैं।
माना जाता है कि सम्पूर्ण विश्व में देवगुरू वृहस्पति महाराज का एकमात्र मन्दिर नैनीताल जनपद अन्तर्गत तुषराड़ क्षेत्र में स्थित है। इस पुरातन मन्दिर में प्राचीन काल से ही नरेश चन्द्रा के पूर्वज पूजा-अर्चना का दायित्व संभालते आए हैं। उसी गौरव शाली परम्परा को वर्तमान में इनके पिता देवकी नन्दन संभाले हुए हैं। एक निष्काम कर्मयोगी के रूप में क्षेत्रभर में देवकी नन्दन का बडा सम्मान है। क्षेत्रभर से लोग उनकी सादगी, संयमित व मर्यादित जीवन शैली से प्रेरणा लेकर स्वयम को धन्य मानते हैं।
नरेश चन्द्रा सेंचुरी मिल में सेवा करते हुए भी किसी भी प्रकार के धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक समारोहों में सहभागिता करने में सदैव आगे दिखाई पड़ते हैं। हाल ही में जब देवगुरू बृहस्पति की परम आराध्या माँ पीताम्बरी महिमा पुस्तक नरेश चन्द्रा को सप्रेम भेंट की गयी तो श्री चन्द्रा ने स्वयम को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि सचमुच माँ पीताम्बरी की महिमा अनन्त है।
कुल मिलाकर नरेश चन्द्रा का सेंचुरी मिल में वाइस प्रेसिडेंट बनने से समूचा क्षेत्र गौरवान्वित है।

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