हल्द्वानी निवासी बाल व्यास के रूप में ख्याति प्राप्त भागवताचार्य श्री कपिल देव महाराज अब तक 81 श्रीमद् भागवत कथा का वाचन कर चुके है मात्र 10 वर्ष की आयु से उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा का वाचन शुरू कर दिया था आज उनकी ख्याति समूचे क्षेत्र में विशेष रूप से प्रकाशमान है
निरंतर श्रीमद् भागवत कथा की अविरल धारा को अपना जीवन समर्पित कर चुके श्री कपिल देव महाराज सुमधुर वाणी के लिए जाने जाते है उनके द्वारा वाचीं जाने वाली श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी रहती है लोग बड़े ही श्रद्धा भाव से उनके द्वारा वाची जानें वाली श्रीमद् भागवत कथा श्रवण का आनंद लेकर अपनें जीवन को धन्य करते है
श्री कपिल देव महाराज जी अब तक उत्तराखंड सहित देश के अनेक भागों में श्रीमद् भागवत कथा का वाचन कर चुके हैं पूरी के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नयन दास महाराज तथा पदम पुरी के अटल महाराज जी जैसे दिव्य संतों की कृपा को अपने जीवन की अमूल्य निधि बताने वाले श्री महाराज जी के आवास पर उनका आशीर्वाद लेने के लिए अक्सर भक्तों का तांता लगा रहता है खासतौर से पर्व विशेष के अवसरों पर भक्तों की भीड़ उनके दर्शनों हेतु पधारती है विगत दिवस गुरु पूर्णिमां के पावन अवसर पर उनके आवास पर पहुंचकर भक्तजनों ने भजन कीर्तन व्यास पूजन गुरु पूजन महोत्सव मनाकर आध्यात्म की अलौकिक छटा बिखेरी
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुरु ही जीवन का आधार है गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं की जा सकती है गुरु कृपा से ही मनुष्य का भाग्योदय होता है
उन्होंने कहा श्रीमद्भागवत पुराण, भगवान श्री कृष्ण के जीवन, शिक्षाओं और अवतारों पर केंद्रित है। जीवन में जब भी अवसर प्राप्त हो तो श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण निरंतर करते रहना चाहिए
श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्ति बढ़ती है



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