श्री राम यज्ञ व भण्ड़ारे में हजारों राम भक्तों ने लिया भाग प्रसिद्ध यज्ञाचार्य श्री नवीन पाण्डेय ने सम्पन कराया यज्ञ

ख़बर शेयर करें

यज्ञ सनातन संस्कृति का प्रतीक : प० नवीन पाण्डेय
लालकुआं/श्री आर्दश रामलीला कमेटी के तत्वावधान में आयोजित श्री राम यज्ञ में भारी संख्या में राम भक्तो ने भाग लेकर लोक कल्याण के लिए यज्ञ में आहुतियां प्रदान की। श्री राम चन्द्र जी को सर्मर्पित विराट हवन यज्ञ उत्तराखण्ड़ के प्रसिद्व शास्त्री प० नवीन चन्द्र पाण्डेय ने विधिपूर्वक सम्पन कराया इस अवसर पर कमेटी के अध्यक्ष बीo सीo भट्ट निदेशक पान सिंह बिष्ट, प्रसिद्ध हारमोनियम वादक श्याम सिह नगर पंचायत अध्यक्ष लाल चन्द्र सिंह जगदीश अग्रवाल दीवान सिंह बिष्ट रंजीत बोरा सभासद हेमंत पाण्डेय सुरेन्द्र लोटनी बौबी सम्बल अरुण जोशी प्रमांशु श्रीवास्तव भूपेन्द्र सिंह मेहरा सरदार गुरुदीप सिंह, पवन चौहान, राम बाबू मिश्रा, हेमन्त नरूला, धन सिंह बिष्ट , इन्द्र तुलेड़ा नन्दन राणा , लीलाधर भट्ट नवीन भट्ट भुवन पाण्डेय, पूरन रजवार, विशाल सैन धन सिंह बिष्ट, दीपू नयाल, पवन दुम्का, डा० आर० के० सेतिया, हेम पाठक, संजय अरोरा, रोहित नयाल, विनोद श्रीवास्तव, मोहित मयान, पंकज बिष्ट कुलदीप जोशी अमन बिष्ट पवन दुम्का, सोनू भटृ, रोहित नयाल,कुन्दन सिंह कनवाल हर्षित कन्याल, दीवान राणा, मोहन राणा, सुरेश बिष्ट, हेमा नयाल, बसंती देवी, गीता रजवार, मुन्नी पाण्डे गीता भटृ, मीना रावत अर्पिता भट्ट खुशी भट्ट रेखा चन्दोला कमला भट्ट मीरा नैनवाल अरूणा चौहान, निशा जोशी, चन्द्रकला खाती, राजलक्ष्मी पण्डित, मुन्नी पाण्डेय, मीनू पाण्डेय नीमा पाण्डेय गीता पाण्डेय दीपा पाण्डेय दीपा पाण्डेय कान्ति देवी , सहित अनेकों मौजूद थे।

इस अवसर पर यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रसिद्ध यज्ञाचार्य श्री नवीन चन्द्र पाण्डेय ने कहा यज्ञ हवन को सनातन संस्कृति में बहुत अधिक महत्व दिया गया है। आध्यात्मिक दृष्टि के साथ साथ ये शारीरिक और मानसिक लाभ भी पहुँचाते हैं
उन्होने कहा यज्ञ के पीछे एक सांइटिफिक कारण होता है क्योँकि यज्ञ मेँ सब जड़ी बूटियाँ ही डाली जाती हैँ। आम की लकड़ी, देशी घी, तिल, जौँ, शहद, कपूर, अगर तगर, गुग्गुल, लौँग, अक्षत, नारियल शक्कर और अन्य निर्धारित आहूतियाँ भी बनस्पतियाँ ही होती हैँ। नवग्रह के लिए आक,पलाश,खैर,शमी,आपामार्ग, पीपल, गूलर, कुश, दूर्वा आदि सब आयुर्वेद मेँ प्रतिष्ठित आषधियाँ हैँ। यज्ञ करने पर मंत्राचार के द्वारा न सिर्फ ये और अधिक शक्तिशाली हो जाती हैँ बल्कि मंत्राचार और इन जड़ीबूटियोँ के धुएँ से यज्ञकर्ता/ यजमान / रोगी की आंतरिक बाह्य और मानसिक शुद्धि भी होती है। साथ ही मानसिक और शारीरिक बल तथा सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है । ये सब यज्ञ के धुएँ के साथ शरीर मेँ श्वास और त्वचा से प्रवेश करते हैँ और उसे स्वस्थ बनाते हैँ
श्री पाण्डेय ने कहा कि यज्ञ का प्रभाव मनुष्य के शरीर पर नहीं ; मन और अन्तश्चेतना पर भी पड़ता है

यह भी पढ़ें 👉  भेरंग पट्टी के इस महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने छुड़ाये थे अंग्रेजों के छक्के

इधर आदर्श श्री राम लीला कमेटी के अध्यक्ष बी सी भट्ट ने सभी श्री राम भक्तों का आभार प्रकट करते हुए प्रभु की लीला के सफल संचालन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया

Ad
Ad Ad Ad Ad
Ad