श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के माध्यम से श्री कृष्ण जन्म व रामकथा पर प्रकाश

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हल्दूचौड़ । पूर्व कैबीनेट मन्त्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल के आवास में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पाँचवे दिन कथा व्यास स्वामी संत नैष्टिक ब्रह्मचारी श्री दुर्गा दत्त त्रिपाठी शास्त्री जी ने भागवत ज्ञान यज्ञ में श्रीमद् भागवत की महिमा पर प्रकाश डालते हुए श्री कृष्ण जन्म व श्रीराम की सुंदर कथा का वाचन किया। रामकथा के विभिन्न प्रसंगों पर सुधामयवाणी की धार से चर्चा की श्रद्धालु जन रामकथा व श्री कृष्ण जन्म की कथा को सुनकर गदगद हो उठे तुलसीदास की रामभक्ति की प्रगाढता पर विस्तृत चर्चा करते हुए श्री त्रिपाठी द्वारा राम जन्म जानकी विवाह सहित राक्षसों के वध एवं राम नाम की महिमा पर प्रकाश डाला गयारामायण के अनेकों प्रसंगों का उन्होंने सुंदर वर्णन किया उन्होनें कहा राम का जीवन हमारे जीवन को आदर्श बनाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने प्रभु श्री राम जी के मर्यादित जीवन व राम भक्ति पर भी विस्तृत चर्चा की उन्होंने कहा कथा कलयुग में कामधेनु के समान है। कलिकाल में राम नाम स्मरण एवं भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही मानव कष्टों से छुटकारा पाकर जीवन को धन्य कर सकता है। राम की कृपा अकारण होती है। उन्होंने निष्काम कर्मयोग पर भी प्रकाश डाला। कर्म की शुद्धता पर बल दिया और कहा जितनी कर्म की शुद्धता होगी, भगवान उतनी ही भक्त पर कृपा करेंगे।

 

कर्म करना व्यक्ति के वश में है इसलिए व्यक्ति को कर्म करते रहना चाहिए और सब कर्मों को श्रीराम के अधीन छोड़ देना चाहिए स्वामी जी ने कहा श्रीमद्भागवत अत्यंत पावन पुराण है। यह भगवत्स्वरूप का अनुभव कराने वाला और समस्त वेदों का सार है। संसार में फंसे हुए लोगों को भवसागर पार करानें वाला है।

 

श्रीमदभागवत कथा हम सब को जीवन जीने की कला सीखाती हैश्रीमद्भागवत कथा में अम्बरीषोपाख्यान, राम जन्म,राम विवाह, श्री कृष्ण जन्म का बङा सुन्दर मार्मिक प्रसंग सुनाते हुए यह भी बताया कि गु नाम अन्धकार रु नाम प्रकाश है। वर्तमान मे किसी श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ सद्गुरु की शरण जाकर समिधा सहित दंडवत प्रणाम करके ग्यान की याचना करनी चाहिए। तभी जीवन धन्य हो सकता है।
उन्होने कहा मानव भागवत ग्यान को पाने के लिए संसारी इन्द्रिय साधनो का उपयोग करता है। लेकिन परमात्मा की प्राप्ति आत्मज्ञान से ही संभव है

 

इस अवसर पर वरिष्ठ महामण्डलेश्वर श्री सोमेश्वर यति महाराज पूर्व विधायक नवीन दुम्का  सेचुरी मिल के वरिष्ठ महाप्रबंधक एस के बाजपेयी नरेश चंद्र रितुल शर्मा श्री राजेंद्र गिरी महाराज जी आचार्य चन्द्र शेखर जोशी उप व्यास पण्डित हेम चन्द्र पाण्डे आचार्य रमेश चन्द्र जोशी वेदपाठी ब्राह्मण चन्दन जोशी कृष्णा खुल्बे प० ललित चन्द्र लोहनी प० कमल जोशी कथा के यजमान श्रीमती एवं श्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल श्रीमती एवं श्री धारा बल्लभ दुर्गापाल श्रीमती एवं श्री हेमचन्द्र दुर्गापाल श्रीमती एवं श्री राकेश दुर्गापाल श्रीमती एवं श्री हेमवन्ती नन्दन दुर्गापाल श्रीमती एवं श्री पंकज दुर्गापाल
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैलाश दुम्का उमेश कबड़वाल कैलाश चंद्र बमेटा गोविंद बल्लभ भट्ट बच्ची पांडे अमित बोरा रमेश तिवारी ग्राम प्रधान हरेन्द्र असगोला त्रिभुवन उप्रेती पूर्व बीडीसी मेंबर भास्कर भट्ट पूर्व ग्राम प्रधान बाला दत्त खोलिया ग्राम प्रधान मीना भट्ट रुक्मणी नेगी पुष्पा भट्ट पूजा बिष्ट डॉक्टर चंद्र सिंह दानू श्रील चंद्र खोलिया ललित आर्या गोपाल भट्ट तिलक धारी राजेंद्र सिंह बिष्ट राजेंद्र दुर्गापाल जीवन तिवारी त्रिलोक कब्ड्वाल भगवान सिंह धामी हरीश जोशी दया किशन कबड़वाल दया किशन बमेटा संजय दुम्का मोहन कुड़ाई पुष्कर दानू सहित अनेकों भक्त जन मौजूद रहे

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