सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, काफलीगैर (मटेला), बागेश्वर : जहाँ गाय स्वयं दुहती थी दूध

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कुमाऊँ की पावन भूमि देवभूमि के नाम से जानी जाती है। यहाँ की हर घाटी, हर शिखर, और हर नदी किसी न किसी दिव्य कथा से जुड़ी है। इन्हीं पवित्र स्थलों में से एक है सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, जो जिला बागेश्वर के काफलीगैर क्षेत्र के मटेला गाँव में स्थित है। यह मंदिर श्रद्धा, भक्ति और चमत्कार की जीती-जागती मिसाल है।

कहा जाता है कि प्राचीन काल में मटेला गाँव का एक ग्वाला प्रतिदिन अपनी गायों को चराने ले जाया करता था। उसने देखा कि उसकी एक गाय प्रतिदिन अपना दूध किसी अज्ञात स्थान पर स्वयं दुहकर लौट आती है। यह देखकर वह हैरान हो गया।

एक दिन उसने छिपकर देखा तो पाया कि वह गाय एक स्थान पर जाकर स्वयंभू शिवलिंग पर अपना दूध दुहती है और फिर शांत भाव से लौट जाती है। इस अलौकिक घटना से गाँववाले चकित रह गए। जब सभी वहाँ पहुँचे तो देखा कि वहाँ वास्तव में शिवलिंग प्रकट हो चुका था। उसी समय से यह स्थान “सिद्धेश्वर महादेव” के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

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इस पवित्र स्थल पर महाशिवरात्रि, सावन के सोमवार, श्रावणी पर्व और अन्य विशेष अवसरों पर मेलों का आयोजन होता है। दूर-दराज़ के गाँवों से श्रद्धालु यहाँ पहुँचकर भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करते हैं।
मेले के दौरान क्षेत्र की लोक संस्कृति, पारंपरिक नृत्य और भक्ति गीत वातावरण को और भी पवित्र बना देते हैं।

मंदिर के समीप से बहती कल-कल करती एक निर्मल नदी इस स्थान की शोभा को और बढ़ा देती है। चारों ओर हरियाली, पर्वतों की गोद और शुद्ध वातावरण श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और संतोष का अनुभव कराता है। यहाँ की वादियाँ मानो शिवभक्ति का संगीत सुनाती प्रतीत होती हैं।
सिद्धेश्वर महादेव मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास का प्रतीक है। स्थानीय जनमानस मानता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से भगवान सिद्धेश्वर से प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
यह स्थान अत्यंत चमत्कारी और पवित्र होते हुए भी गुमनामी के साये में है। पर्यटन विभाग और प्रशासन की ओर से पर्याप्त ध्यान न दिए जाने के कारण यहाँ बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
यदि इस स्थल का उचित विकास किया जाए तो यह न केवल धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सकता है, बल्कि स्थानीय लोगों के रोजगार और सांस्कृतिक संवर्धन का माध्यम भी सिद्ध हो सकता है।

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सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, बागेश्वर जिले के काफलीगैर ब्लॉक के अंतर्गत मटेला गाँव में स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए बागेश्वर मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। काफलीगैर तक सड़क मार्ग सुगम है और वहाँ से पैदल कुछ दूरी चलकर श्रद्धालु मंदिर तक पहुँचते हैं। मार्ग के दोनों ओर प्रकृति का अनुपम सौंदर्य यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

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सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, काफलीगैर (मटेला) केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धा, भक्ति और चमत्कार का प्रतीक है। यहाँ की कथा, यहाँ की वायु, और यहाँ बहती नदी सब भगवान शंकर की अनंत महिमा का संदेश देती हैं।
आवश्यकता है कि इस दिव्य धाम को उसकी वास्तविक पहचान मिले ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इसकी पवित्रता और गौरव से परिचित हो सकें।

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