पौड़ी जनपद में गुरुवार सुबह एक बार फिर मानव–वनजीव संघर्ष ने दर्दनाक रूप ले लिया। गजल्ड गाँव में मंदिर जा रहे 45 वर्षीय पुजारी राजेंद्र नौटियाल पर गुलदार ने हमला कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना सुबह लगभग 7 बजे हुई।
काफी देर तक जब पुजारी घर नहीं लौटे तो परिजनों और ग्रामीणों ने तलाश शुरू की। कुछ दूरी पर खून के निशान और आगे उनका शव मिला। शरीर पर गुलदार के हमले के स्पष्ट निशान थे।
ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, वनकर्मियों को कमरे में बंद किया
घटना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हुए और वन विभाग की टीम के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया। नाराज़ लोगों ने मौके पर पहुंचे वनकर्मियों को एक कमरे में बंद कर दिया और शव उठाने से इनकार कर दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र में लंबे समय से गुलदार सक्रिय हैं परंतु विभाग सिर्फ आश्वासन देता रहा, कार्रवाई नहीं हुई।
विधायक को लोगों ने घेरा, लगे सरकार विरोधी नारे
करीब चार घंटे बाद जब स्थानीय बीजेपी विधायक राजकुमार पोरी स्थल पर पहुंचे तो भीड़ ने उन्हें घेर लिया और सरकार विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए।
लोगों का कहना था कि जब तक आदमखोर गुलदार को मारने या पकड़ने की कार्रवाई नहीं होती, वे शांत नहीं बैठेंगे।
स्थिति तनावपूर्ण होती देख डीएम स्वाती भदौरिया मौके पर पहुँचीं। उन्होंने ग्रामीणों से संवाद किया
स्कूल आंगनबाड़ियों में छुट्टी घोषित
गुलदार गतिविधि बढ़ने के कारण प्रभावित क्षेत्र में सभी विद्यालयों और कई आंगनबाड़ी केंद्रों को 5 से 8 दिसंबर तक बंद रखने के आदेश जारी हुए हैं। प्रशासन ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है और वन विभाग को त्वरित कार्रवाई के निर्देश मिले हैं।
परिवार पर टूटा दुःख, आजीविका पर संकट
मृतक पुजारी राजेंद्र नौटियाल परिवार में अकेले कमाने वाले सदस्य थे। उनके दो बच्चे—15 वर्षीय बेटा और एक बेटी—अब पिता की छत्रछाया से वंचित हो गए हैं।
गाँव में इस घटना को लेकर भय और शोक का माहौल है। लोगों की मांग है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्थायी समाधान लाया जाए।
यह घटना एक बार फिर यह सवाल छोड़ जाती है —
पहाड़ में इंसान और वन्यजीव आखिर कब तक एक-दूसरे के भय में जीते रहेंगे?
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