अद्भूत शिवलिंग के साथ शिव भक्तों के लिए सौगात है यह गुफा

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गंगोलीहाट में एक और गुफा मिली
गंगोलीहाट/ गुफाओं की घाटी गंगोलीहाट बेरीनाग क्षेंत्र में एक और गुफा प्रकाश में आयी है
क्षेंत्र के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता नरेंद्र सिंह रावल अध्यक्ष महाकाली मंदिर समिति ,के नेतृत्व में तरुण मेहरा राजेंद्र मेहरा वा स्थानीय ग्रामवासियों ने बेरीनाग त्रिपुरादेवी से 2 किलोमीटर नीचे एक और गुफा की खोज की है । यद्यपि गुफा के बारे में पूर्व में बुजुर्गों को पता था लेकिन कठिन राह व दुर्गम स्थान होने के कारण लोगो ने यह आवाजाही लगभग बंद कर दी थी । मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारा वहां पूजा शुरू करने के उद्देश्य से तरुण मेहरा तथा राजू मेहरा से अपनी मंशा बताई तो पूर्णिमा के दिन भगवान शंकर की इस अद्भुत वा रमणीक गुफा में जाने का अवसर मिला गुफा जमीन से 25 फिट ऊपर चट्टानी संरचना में है जहां रस्सी के सहारे जाकर दिया बत्ती की गई तथा शुक्ष्म पूजा भी शुरू की गई । नरेंद्र रावल द्वारा बताया गया है की गुफा में काफी आध्यात्मिक ऊर्जा है तथा नंदी बैल की आकृति वा शिव का बहुत सुंदर प्राकृतिक लिंग मौजूद है जिसमे बारी बारी से जल की बूंदों से अभिषेक होता रहता है । अभी वहां पर जाना कठिन है लेकिन रोमांच पसंद युवाओं के लिए बेहतरीन स्थान है जो अध्यात्म मैं रुचि रखते हैं । सरकार द्वारा यदि त्रिपुरादेवी के साथ लगे इस क्षेत्र को इको पार्क के रूप में विकसित किया जाय तो स्थानीय बेरोजगारों के लिए वरदान साबित हो सकता है स्वभाविक रूप से बुग्याल की शक्ल में बड़ा मैदान है जिसमे मखमली घास है इससे नीचे सिद्धेश्वर शिवजी की नाम से गुफा है जहां से कोटेश्वर महादेव भी नजदीक है इन दोनो स्थानों को आपस में जोड़ कर तथा महाकाली मन्दिर काली व यहाँ की गुफाओं के साथ प्रमोशन किया जाय तो अध्यात्म के साथ पर्यटन के रूप में मील का पत्थर साबित होगा । स्थानीय लोगो को स्वरोजगार के साथ अनेक अवसरों को सृजित करने में सहायक होगा । क्षेत्रीय विधायक के होटल से मात्र 2 किमी की दूरी पर स्थित ये उपेक्षित स्थान यहां की राजनीतिक पिछड़ेपन को ही दर्शा रहा है । शीघ्र इसपर ध्यान देकर बेरीनाग गंगोलीहाट को विकास की राह पर ले जाने की जरूरत है।

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