+ लोक कल्याण एवं पर्यावरण संरक्षण है ए पी एस का ध्येय वाक्य
+ शिक्षा की अत्याधुनिक विधाओं में एक्सपर्ट शिक्षक गढ़ रहे हैं छात्रों का भविष्य
+ लोक हित एवं राष्ट्र प्रेम का भाव पारिवारिक विरासत में मिला है भुवन उपाध्याय को
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हल्द्वानी ( नैनीताल ), नगर के लामाचौड़ स्थित ए पी एस पब्लिक स्कूल अपने अत्याधुनिक शिक्षण पाठ्यक्रम, शिक्षण की बैज्ञानिक विधाओं, उच्च गुणवत्ता, छात्रो के सर्वांगीण विकास, सम्पूर्ण समर्पण एवं बेहतर परिणामों के चलते शिक्षा के क्षेत्र में नित नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और प्रतिष्ठा व लोकप्रियता की नई ऊंचाइयां छूने को उत्तरोत्तर अग्रसर है। वस्तुतः यह सब विद्यालय के महान कर्मयोगी निदेशक भुवन चन्द्र उपाध्याय के सतत परिश्रम, समर्पण व पावन संकल्पों का ही प्रतिफल है, जिसका लाभ हल्द्वानी आस-पास समेत कुमाऊं मंडल के अनेकानेक क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को बडे पैमाने पर प्राप्त हो रहा है|
दरअसल ए पी एस सीनियर सेकेंडरी स्कूल के निदेशक भुवन चन्द्र उपाध्याय समूचे कुमाऊं मण्डल में वर्तमान व भविष्य की जरूरतों के मुताबिक सम्पूर्ण शिक्षा क्रान्ति लाने का पवित्र संकल्प लेकर छात्रों व अभिभावकों के सपनों को साकार करने में जुटे हैं। उनकी मजबूत इच्छा शक्ति, कर्मठता व सच्ची लगन का ही परिणाम है कि मात्र नौ वर्षों की यात्रा में विद्यालय ने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। विद्यालय शुरू करने के साथ ही निदेशक श्री उपाध्याय द्वारा जो लक्ष्य निर्धारित किये गये थे, समय के साथ – साथ प्रत्येक तय लक्ष्य को चरणबद्ध तरीके से हासिल किया गया । यही कारण भी है कि आज उक्त विद्यालय क्षेत्र भर के सर्वाधिक प्रतिष्ठित विद्यालयों की सूची में सबसे आगे माना जाता है और शिक्षा जगत में ए पी एस को एक अलग ही पहचान दिलाने में भुवन चन्द्र उपाध्याय सफल रहे हैं।
महज नौ वर्षों की अल्प अवधि में विद्यालय द्वारा लोकप्रियता के नित गये प्रतिमान स्थापित किये जाने पर एक मुलाकात में जब निदेशक श्री उपाध्याय से कारण जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा लगातार अथक परिश्रम, समर्पण व अनुशासन से छात्र- छात्राओं के सर्वांगीण विकास की भावना से अन्ततः राष्ट्र निर्माण में हर सम्भव योगदान का पावन संकल्प ही उनकी सफलता व उपलब्धि का आधार है। श्री उपाध्याय ने कहा कि बच्चों का सर्वांगीण विकास करते हुए सशक्त व समृद्ध राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका सुनिश्चित कराना ही शिक्षा और शिक्षण संस्थानों का लक्ष्य माना गया है। वह इसी मूल मंत्र को अपने कार्य- व्यवहार में उतार कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते आ रहे हैं।
भुवन चन्द्र उपाध्याय ने कहा कि उनके विद्यालय के सभी शिक्षक सम्पूर्ण समर्पण के साथ छात्रों के हित में और कुल मिलाकर राष्ट्र हित में पूरी शिद्दत के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मेहनत का ही प्रतिफल है कि आज विद्यालय की शिक्षा जगत में एक साख बनी है। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में सफलता का ग्राफ हो, खेलों में प्राप्त उपलब्धियां हों या फिर सांस्कृतिक व अन्य रचनात्मक कार्य हों, हर क्षेत्र में विद्यालय के शिक्षकों का समन्वित प्रयास शुरू से ही रहा है।
यहाँ बताते चलें कि ए पी एस विद्यालय द्वारा छात्रों को भविष्य की प्रत्येक चुनौती से निपटने हेतु पूर्णत सक्षम बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए बच्चों को पाठ्यक्रम में पारंगत बनाने के साथ – साथ उनके मानसिक, शारीरिक विकास, सामाजिक व सांस्कृतिक विकास, पर्यावरण जैसे चुचैतीपूर्ण विषय की समझ विकसित करने के उद्देश्य से अनेक बहुआयामी कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। विद्यालय द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए धरातल पर कार्य किये जा रहे हैं। अब तक आठ एकड़ भूमि में ए पी एस विद्यालय द्वारा लगभग चार हजार वृक्ष रोपित कर सरसब्ज किये जा चुके हैं । प्रत्येक वर्ष निदेशक श्री उपाध्याय की अगुवाई में बाकायदा वृक्षा रोपण का विशेष कार्यक्रम चलाया जाता है। इस प्रकार शिक्षा के साथ ही पर्यावरण विकास को लेकर भी श्री उपाध्याय के प्रयास अत्यधिक सराहनीय हैं।
बता दें कि भुवन चन्द्र उपाध्याय मूलरूप से जनपद पिथौरागद के निवासी रहे हैं। जनपद के खोली गाँव में जन्मे श्री उपाध्याय की प्रारम्भिक शिक्षा- दीक्षा भी ग्रामीण परिवेश में ही सम्पन्न हुई।
चूँकि इनके पिता स्व० गोवर्धन उपाध्याय और माता जी स्व० लीलावती उपाध्याय अत्यन्त ही सुसंस्कारी व्यक्तित्व थे, ऐसे में माता- पिता के उत्तम संस्कारों का सुखद प्रभाव भुवन चन्द्र उपाध्याय के जीवन पर भी पड़ा । यही कारण है कि अपने परिवार के सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक जीवन मूल्यों का श्री भुवन चन्द्र उपाध्याय ने शब्दसः अनुसरण किया, जो उनके दैनिक कार्य व्यवहार में सहज ही देखा जा सकता है । परिवार की धार्मिक व आध्यात्मिक पृष्ठभूमि होने के कारण वर्तमान में भुवन चन्द्र उपाध्याय का अपना परिवार भी अपनी सामाजिक , धार्मिक व आध्यात्मिक परम्पराओं व मूल्यों को लेकर सदैव सजग रहा है। मालताओं के प्रति सम्मान का भाव उन्हें विरासत में प्राप्त है ।
निदेशक भुवन चन्द्र उपाध्याय की धर्म पत्नी डॉ सलौनी उपाध्याय एक प्रतिष्ठित डॉक्टर हैं और वर्तमान में नगर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल – सुशीला तिवारी हास्पीटल में सेवारत हैं। इनकी सुपुत्री ऋतु उपाध्याय भी एक डॉक्टर हैं जबकि सुपुत्र तुषार उपाध्याय अभी अध्ययनरत रहनें के साथ साथ विदेशी की धरती जर्मन में भारत का गौरव बढ़ा रहे है और उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर है।
कुल मिलाकर ए पी एस विद्यालय तथा विद्यालय के कर्मयोगी निदेशक भुवन चन्द्र उपाध्याय का जीवन शिक्षा, समाज, संस्कृति, खेल, पर्यावरण और राष्ट्र निर्माण को समर्पित है।/ @ रमाकान्त पन्त



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