कविता रावल गंगोलीहाट
श्री महाकाली दरबार रामलीला कमेटी के निर्देशन में पात्रों ने 9वें दिन अपने अभिनय से दर्शकों बांधे रखा। बीते दिवस लीला में हनुमान द्वारा समुद्र पार, हनुमान- विभीषण मुलाकात, सीता खोज, अक्षय कुमार वध और लंका दहन की सजीव प्रस्तुति दी। हनुमान माता सीता को खोजने के लिए लंका प्रस्थान करते हैं। तो रास्ते में समुद्र आ जाता है। जामवंत हनुमान को उनकी शक्तियों की याद दिलाते हैं। हनुमान ने अपनी शक्तियों को याद किया और समुद्र पार लंका पहुंच गए। तत्पश्चात अशोक वाटिका में सीता को प्रभु श्रीराम की अंगूठी दिखाई। जिसे देख माता सीता प्रसन्न हुई। इसके बाद हनुमान माता सीता से आदेश लेकर अशोक वाटिका में फल खाने लगते हैं। हनुमानजी का रूप देखकर राक्षस उन्हें पकड़कर लंकेश के पास ले जाते हैं। तब लंकेश की आज्ञानुसार राक्षस उनकी पूंछ में आग लगा देते हैं। इस पर हनुमानजी बड़ी पूंछ कर लंका में आग लगा देते हैं। जिससे लंकानगरी धू-धूकर जलने लगती है। लंका दहन होते ही पूरा मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा। कपिल उप्रेती ने हनुमान और संपाती, कैलाश सिंह ने विभीषण और आशु उप्रेती ने रावण की भूमिका निभाई। रामलीला में सहयोग करने वालों में अध्यक्ष हेमराज रावल, मेकपमैन व आंतरिक व्यवस्था त्रिभुवन सिंह बिष्ट, षष्ठी रावल, संजू रावल, नवीन उप्रेती , किशन उप्रेती , कल्याण सिंह धानिक,कैलाश सिंह , निर्देशक सूबेदार शंकर सिंह रावल, सूबेदार मोहन सिंह रावल, भगवत रावल, चंदन सिंह, मोहन उप्रेती , ललित उप्रेती , देवराज साह, पंकज पाठक , नीरज रावल , सागर रावल , हिमांशु रावल , वक्ता मैनेजर दीपक जोशी, सह वक्ता मैनेजर किशन पाठक,हारमोनियम मास्टर विशाल कुमार,तबला मास्टर पीयूष चावला संगत दे रहे हैं ।
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