माई पीताम्बरी के पावन मन्त्रों की सुगंध से महक उठी निर्मल राप्ती नदी

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पितृपक्ष के अवसर पर सत्य साधक श्री विजेंद्र पांडे गुरुजी ने राप्ती नदी के पावन तट मॉ पीताम्बरी को समर्पित महायज्ञ का आयोजन किया इस अवसर पर राधेश्याम तिवारी आनन्द चतुर्वेदी दीनानाथ विनोद तिवारी सहित अनेकों भक्तजन मौजूद रहे सत्य साधक श्री विजेंद्र पांडे गुरुजी ने बताया कि माँ बगलामुखी का पित्रों के निमित्त किया गया महा यज्ञ अभीष्ट फल को प्रदान करने वाला है जो भी पितृपक्ष में देवी माँ को समर्पित यज्ञ करता है वह पुण्य का भागी बनता है
उल्लेखनीय है कि इस नदी का प्राचीन नाम इरावती नदी है
यह नदी धर्म व आध्यात्म का महासंगम मानी जाती है। बहराइच, गोंडा, बस्ती और गोरखपुर ज़िलों में बहती हुई बरहज के निकट यह लगभग 640 किमी० लम्बी पावन नदी घाघरा नदी से मिल जाती है भगवान बुद्ध से भी इस नदी की कहानी जुड़ी हुई है

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