बाबा काशीदास का भव्य पूजन आज, लालकुआँ सहित देश के अनेक हिस्सों में होती है यह पूजा जानिए कौन थे महायोगी काशी बाबा

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लालकुआँ /श्री काशीदास बाबा पूजन समारोह को भव्य बनाये जानें की तैयारियां जोरों पर चल रही है आयोजन समिति के अध्यक्ष बृजेश यादव ने बताया आज पाँच अगस्त को पूजन धूमधाम के साथ आयोजन होगा

इस भव्य कार्यक्रम के लिए बाबा काशीदास पर आस्था रखनें वाले सभी भक्तजनों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हुए कहा बाबा काशी दास जी का पूजन समारोह आध्यात्मिक उल्लास का एक भव्य पर्व है हम सभी मिलकर श्रद्धा पूर्वक पूजन कार्यक्रम को भव्य स्वरूप के साथ मनाने जा रहे है

उल्लेखनीय है, कि श्री काशीदास बाबा की महिमा अपरम्पार है, जो भी प्राणी अपने आराधना के श्रद्वापुष्प बाबा के चरणों में अर्पित करता है,वह परम कल्याण का भागी बनता है, उसके समस्त रोग,शोक,दुख,दरिद्रता एंव विपदाओं का हरण हो जाता है।

महान् गौ भक्त,गौ सेवक ,गौ रक्षक के रूप में श्री काशीदास बाबा की प्रसिद्धी सर्वविदित है, योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण के परम सखा के रुप में भी इन्हें जाना जाता है, महायोगी महात्मा के रुप में पूजित योगी काशीदास जी की तपोभूमि बलिया जिले का दआबा क्षेत्र माना जाता है,यह भी मान्यता है,जो इनकी निष्ठापूर्वक भक्ति करता है, उसे सहज में ही भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है,इनकी समाधी स्थल बक्सर में है,देश व विदेशो में इनके अनेकों भक्त है, लोग बड़े ही भक्ति भाव से इनका पूजन व वदंन करके हन्हें याद करते है,माना जाता है,

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यह पूजा सबसे पहले द्वापर युग में भगवान श्री कृष्‍ण ने अपने भक्त, के सम्मान में गोबर्धन पर्वत की पूजा करके शुरू की पौराणिक कथाओं के अनुसार नंद गांव के लोग भगवान श्री कृष्‍ण के कहने पर इंद्र की पूजा छोड़कर गोबर्धन पर्वत की पूजा करने लगे जिससे इंद्र भगवान क्रोधित हो गये। इंद्र के निर्देश पर वरूण देव ने लगातार सात रोज वर्षा कर दी। वर्षा से नंद गांव के ग्‍वालों का जीना दुश्‍वार हो गया।बाबा श्रीकाशीदास के विनय पर भगवान श्री कृष्‍ण ने पूरे गोबर्धन पर्वत को अपने उंगली पर उठा लिया और उसी के नीचे समस्‍त ग्‍वाल-बाल अपने गायों को लेकर शरणागत हो गये,अंत में इंद्र की पराजय हुई। इंद्र ने श्री कृष्‍ण से आकर माफी मांगी।माना जाता है,तभी से इनका पूजन शुरू हुआं ये परांकुश मुनि की शिष्य परम्परा के नौवीं पीढी के आत्मारामी सन्त स्वामी रामानन्द जी के शिष्य भी कहे जाते है,

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उत्तर भारत के ,यादव ,ग्वाला जाति के लोग अपने पशुओ की बीमारी से रक्षा , खेती के कार्य मे वर्षा की स्थिति से खेतों की खुशहाली के लिए सावन महिने मे काशीदास बाबा की पूजा करते है,सभी समुदाय के लोग बड़ी निष्ठा से पूजन में भाग लेते है ,जनपद नैनीताल के लालकुआं में भी बाबा की पूजा बड़ी धूमधाम से होती है। आज न्यू कालोनी सीपीपी में यहाँ दोपहर 12 बजे से . 8 बजे तक भण्डारा चलेगा तथा तथा मऊ के प्रसिद्ध लोक कलाकार रामभरोसे यादव एवं प्रतापगढ़ की खुशी यादव के द्वारा गायन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाऐगा काशी में बाबा द्वारा दीक्षा लेने के कारण इनके नाम से काशी का स्मरण हो जाता है और शिव भक्त के नाते इनकी भक्ति शिव लीला का भी हिस्सा मानी जाती है जो जटिल पापों का क्षय करता है

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न्यू सीपीपी कालोनी में आयोजित पूजन कार्यक्रम में सैकड़ों भक्त  प्रसाद ग्रहण कर श्री काशीदास बाबा का आशीर्वाद लेते है यह परम्परा यहाँ विगत कई वर्षो से चली आ रही है

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