श्रीराम जी के राज्याभिषेक के साथ नौ दिवसीय रामकथा का हुआ विराम, उमड़ी भक्तों की भारी भीड़ ,समाज सेवी हेमवती नन्दन दुर्गापाल ने भी लिया कथा श्रवण का आनन्द******** श्री राम कथा से मिलती है मर्यादा की सीख: डा० पंकज मिश्रा मयंक*********** राधे राधे सेवा समिति ने जताया सभी का आभार ********** हवन यज्ञ व भण्ड़ारा आज, देखिये सुन्दर वीडियो

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लालकुआँ/ लालकुआं। श्री राधे राधे सेवा समिति के तत्वाधान में 25 एकड़ रोड स्थित भोले मंदिर के समीप फॉरेस्ट कंपाउंड में हो रही नौ दिवसीय संगीतमय श्री रामकथा के विराम दिवस पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, इस दौरान कथा वाचक डॉक्टर पंकज मिश्रा “मयंक” द्वारा कथा वाचन करके सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और संपूर्ण क्षेत्र व पंडाल भगवान राम के भजनों से गुंजायमान हो उठा। श्री राम कथा की नौवें दिन की कथा अर्थात् विराम दिवस के अवसर पर आचार्य प्रसिद्ध कथावाचक डॉ पंकज मिश्रा “मयंक” ने श्री राम कथा में भगवान श्री राम के राज्यभिषेक का सुन्दर शब्दों में वर्णन किया इस दौरान भक्तों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया और प्रभु श्री राम की आरती उतारी

लक्ष्मण मेघनाथ श्री राम रावण के युद्ध सहित तमाम राक्षसों के बध की कथा को विस्तार से समझाते हुए श्री मिश्रा ने दर्शको को मन्त्र मुग्ध कर दिया,

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श्री मिश्रा मयंक ने श्रीराम जी की सुंदर कथा का वाचन करते हुए, रामकथा के विभिन्न प्रसंगों का व्यापक वर्णन किया उन्होंने अपनी मधुर वाणी से प्रकाश डालते हुए कहा प्रभु श्री राम के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है, श्रद्धालुजन श्री रामकथा को सुनकर गदगद हो उठे। तुलसीदास की रामभक्ति की प्रगाढता पर विस्तृत चर्चा करते हुए कथा व्यास डा० पंकज मिश्रा ने भाई – भाई के प्रेम एवं राम नाम की महिमा पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।

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रामायण के अनेकों प्रसंगों का उन्होंने सुंदर वर्णन किया, उन्होनें कहा राम का जीवन हमारे जीवन को आदर्श बनाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने हनुमान जी की राम भक्ति पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कथा कलयुग में कामधेनु के समान है। कलिकाल में राम नाम का स्मरण कथा के श्रवण मात्र से ही मानव कष्टों से छुटकारा पाकर धन्य हो जाता है।
उन्होंने कहा प्रभु श्री राम की कृपा अकारण होती है। उन्होंने निष्काम कर्मयोग पर भी प्रकाश डाला। कर्म की शुद्धता पर बल दिया और कहा कर्म में जितनी पावनता होगी भक्ति उतनी ही प्रबल होगी, भगवान उतनी ही भक्त पर कृपा करेंगे। कर्म करना व्यक्ति के वश में है, इसलिए व्यक्ति को कर्म करते रहना चाहिए, और सब कर्मों को श्रीराम के अधीन छोड़ देना चाहिए।
उन्होंने कहा श्री राम कथा अत्यंत पावन है। संसार में फंसे हुए लोगों को भवसागर पार करानें वाली कथा श्री राम कथा है।
इस मौके पर मुख्य रूप से समिति के संरक्षक राम बाबू मिश्रा, अध्यक्ष संजीव शर्मा मुख्य यजमान और कोषाध्यक्ष जीवन कबडवाल, रश्मि कबड़वाल, उमेश चंद्र तिवारी, हरीश नैनवाल, कुलदीप मिश्रा, पंचमलाल कश्यप, भोलाराम, महेश कश्यप, शैलेन्द्र राठौड़, दिलीप सिंह, राजेन्द्र अग्निहोत्री, अशोक पाठक, धर्मवीर मौर्य, बीएन शर्मा, राजीव शर्मा सहित तमाम समिति के सदस्य और पदाधिकारी मौजूद रहे।
प्रसिद्ध समाज सेवी हेमवती नन्दन दुर्गापाल सहित तमाम भक्तों ने आज की कथा का श्रवण कर कथा रस का आनन्द लिया

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