मुख्यमंत्री धामी को भेंट की तीर्थाटन व धार्मिक पर्यटन पर आधारित दो पुस्तकें ” जय मॉ बगलामुखी ” और ” माँ भद्रकाली ” पुस्तकों का अवलोकन कर , धामी ने कहा सराहनीय प्रयास

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+ लेखक रमाकान्त पन्त व पूर्व दर्जा मंत्र ललित पन्त का मुख्यमंत्री ने किया धन्यवाद । तीर्थाटन विकास में पुस्तकों को बताया महत्वपूर्ण
पन्त बन्धुओं ने राज्य के गुमनाम तीर्थों को प्रकाश में लाये जाने को मुख्यमंत्री से किया आग्रह
देहरादून, राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी को आज यहाँ राज्य स्तरीय- अध्यक्ष नगर निकाय सम्मेलन के दौरान दो पुस्तकें क्रमशः ” जय माँ बगलामुखी ” तथा “माँ भद्रकाली” सप्रेम भेंट की गयी।
धार्मिक पर्यटन एवं तीर्थाटन पर आधारित दोनों पुस्तकें लेखक रमाकान्त पन्त और सम्पादक ललित पन्त द्वारा संयुक्त रूप से मु्ख्यमंत्री श्री धामी को सुप्रेम भेंट की गयी ।
पुस्तकों को प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हुए मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पत्रकार रमाकान्त पन्त व पूर्व दर्जा मंत्री रहे ललित पन्त का धन्यवाद किया और इसे अत्यन्त सराहनीय कार्य बताया। पुस्तकों का अवलोकन करते हुए श्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन एवं तीर्थाटन को बढ़ावा देने में दोनों ही पुस्तकें काफी उपयोगी व महत्वपूर्ण होंगी ।
इस दौरान बातचीत करते हुए दोनों पन्त बन्धुओं ने देवभूमि उत्तराखण्ड में स्थित प्राचीन किन्तु गुमनाम तीर्थों को प्रकाश में लाये जाने हेतु सरकार के स्तर कुछ गम्भीर प्रयास किये जाने को मुख्यमंत्री से आग्रह भी किया ।
खासतौर से उत्तरकाशी के घुत्तू- घनसाली स्थित माँ बगलामुखी देवी का बगुली क्षेत्र का जिक्र करते हुए वरिष्ठ पत्रकार रमाकान्त पन्त ने बताया कि उक्त क्षेत्र माता बगलामुखी का आदि तीर्थ माना गया है, परन्तु प्रचार-प्रसार के अभाव में आज भी गुमनामी का दंश झेल रहा है । उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पौराणिक महत्व के ऐसे अनेक तीर्थ एवं देवस्थल हैं, जिनको प्रकाश में लाया जाना समय की मॉग है।
इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार इस दिशा में गम्भीरता पूर्वक कदम उठायेगी ।
मदन जलाल मधुकर

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