यम द्वितीया के नाम से प्रसिद्ध है आज का पर्व

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पंच महापर्व का पांचवाँ पर्व भैया दूज व यम द्वितीया के नाम से प्रसिद्ध है। भाई बहन के पवित्र रिश्तों का प्रतीक यह पावन त्यौहार बड़े ही महत्त्व का है। इस कारण इसे भैया दूज कहते है। इस त्यौहार के माध्यम से प्रत्येक बहन अपने प्रिय भाई हेतु दीर्घायु की मंगल कामना करती है,।
इस व्रत के संदर्भ में पुराणों में कहा जाता है कि है कि सूर्य पुत्र यम और पुत्री यमुना जो कि आपस में भाई बहन थे, बहुत दिनों के बाद एक दूसरे से आज के ही दिन मिले थे ।तथा उनकी बहन यमुना ने यम जी का नाना प्रकार से आदर करके यह वरदान प्राप्त किया था। इस दिन स्नान, ध्यान करके जो अपने बहन के घर जाकर सम्मान सहित मिलें और बहन के घर में भोजन व मिष्ठान को ग्रहण करें तथा अपनी क्षमता के अनुसार बहन को द्रव्य आदि भेंट स्वरुप प्रदान करे तो उन्हें अकाल मृत्यु का भय न रहे और न ही उन्हें यम लोक की वेदनाएं भोगनी पड़े। कहा जाता है कि इस दिन यमराज भी अपनी बहन यमी से मिलने जाते हैं और यदि इस दिन किसी की मृत्यु होती है तो वह सीधे दिव्यलोक का भागी बनता है

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