बरेली के नील कमल पाठक ने उत्तराखण्ड की धरती पर फहरायी हनुमान भक्ति की ध्वज पताका 57 वीं मूर्ति की स्थापना हुई दुमतोला में

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बरेली शहर के हनुमान भक्त नील कमल पाठक ने उत्तराखण्ड की पावन धरा पर हनुमान भक्ति की ध्वज पताका फहराते हुए कौसानी में 57 वें सिंदूरी हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना कर हनुमान भक्ति का संचार किया

 

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर 1101 श्री हनुमान स्थापना संकल्प के अंतर्गत देवों के देव महादेव की भूमि (ग्राम :दुमलोत स्टेट,ब्लॉक गरुड़,जिला बागेश्वर)उत्तराखण्ड में 57 वे सिंदूरी श्री हनुमानजी की स्थापना विधि विधान से संपन्न कर प्रभु की महिमां का गुणगान कर आध्यात्मिक चेतना का विस्तार किया

 

इस अवसर पर नीलकमल पाठक एवं उनकी टीम के साथ श्री हनुमान जी के चरणों के सेवक जगदीश चंद शर्मा,श्री विमलेश शास्त्री , सोहित उपाध्याय , विक्की जोशी , राहुल पांडे , श्री हनुमान जी को लेकर कैंची धाम श्री नीम करोली बाबा के आश्रम उत्तराखण्ड पहुचें वहां बाबा नीम करौली के चरणों में आराधना के श्रद्धा पुष्प अर्पित कर लोक मंगल की कामना के साथ श्री हनुमान जी की पूजा पाठ करवायी,बाबा का आशीर्वाद लेने के बाद श्री हनुमान जी की स्थापना को देवों के देव महादेव जी की पावन भूमि कौसानी क्षेत्र के ग्राम दुमतोल में महाशिवरात्रि के पर्व पर संपन्न की,

 

मूर्ति की स्थापना संपन्न करने के बाद 1101 श्री हनुमान स्थापना टीम ने जोगेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया आचार्य श्री गिरीश भट्ट के सानिध्य में कर बाबा पूजन अर्चन कर उनका भी आशीर्वाद प्राप्त किया और बाबा जोगेश्वर की कृपा का धन्यवाद अदा किया

 

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इससे पूर्व स्थापना के दौरान
श्री हनुमान जी की सेवा के कार्यक्रम में
सोहित उपाध्याय पत्नी श्रीमती किरन उपाध्याय सोम बहादुर रिटायर्ड.सूबेदार.इंडियन.आर्मी उनकी धर्म पत्नी श्रीमती पार्वती देवी , उनके पुत्र मनोज जी वर्तमान.हवलदार.आर्मी.पोस्टिंग लेह लद्दाख उनकी धर्म पत्नी श्रीमति उषा जी छोटे बेटे रवि जी वर्तमान.आर्मी.जम्मू कश्मीर धर्म पत्नी श्रीमती अंजली जी आदि, कार्यक्रम में मुख्य भूमिका यजमान की भूमिका के रूप में रहे
कार्यक्रम में गोपाल जी,धीरज जी,शंकर जी,विक्की जी,शौर्य जी,सक्षम जी,अंशिका जी मौजूद रहे

इस अवसर पर 1101 श्री हनुमान स्थापना संकल्प के संस्थापक नील कमल पाठक ने बताया कि माता पिता, गुरु,बाबा बजरंगबली एवं तैतीस कोटि देवताओं की प्रेरणा व कृपा से उनका अभियान अनवरत जारी है वर्ष 2018 से हर वर्ष निरंतर श्री हनुमानजी के जन्मदिवस के अवसर पर 2018 में अलग अलग 3 सिंदूरी हनुमानजी की स्थापना की2019 में 6,
2021 में 9 और 2022 में 12 स्थापना विधि विधान से संपन्न हुई…
इसी क्रम को बढ़ाते हुए 3,6,9,12 के बाद 2023 में श्री हनुमान जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में एक साथ अलग अलग 15 पूजनीय देवस्थानों में श्री हनुमानजी के 2 फुट के सिंदूरी विग्रहों की स्थापना की जाएगी,
1101 श्री हनुमान स्थापना संकल्प के अंतर्गत अब तक 56 स्थापना पूर्ण हो चुकी हैं,
इस वर्ष 6/अप्रैल/2023 को श्री हनुमानजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष में 15 स्थापना मिलाकर 71 स्थापना हो जाएंगी,

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कार्यक्रम की शुरुआत देव भूमि उत्तराखण्ड में देवो के देव महादेव की भूमि (कौसानी) में,स्थित (ग्राम :- दुमलोत स्टेट,ब्लॉक :- गरुड़,जिला :- बागेश्वर)शिवालय में शिव रात्रि के शुभ अवसर पर 57 नंबर की स्थापना के साथ हो गई
उन्होनें कहा 1101 श्री हनुमान स्थापना संकल्प के अंतर्गत श्री हनुमान जी के सिन्दूरी विग्रह की निशुल्क स्थापना करवाने के लिए संपर्क करें।
7409134986,8923189229.
उल्लेखनीय है कि हृदय रुपी कमल में श्री हनुमान जी को विराजमान कर (1101) मूर्तियाँ स्थापित करने के पावन सकल्प को आगे बढ़ा रहे है,बरेली के नील कमल पाठक
भावनाओं में ही सारा संसार भरा हुआ है यदि भावनाएं निर्मल हैं ,तो मन निर्मल होगा और मन की निर्मलता प्रभु की भक्ति का सबसे बड़ा मार्ग है। अपने हृदय रूपी कमल में श्री हनुमान जी को विराजमान रखने वाले हनुमान भक्त नील कमल पाठक की श्री हनुमान जी के चरणों में अगाध श्रद्धा है,हनुमान जी को वे श्रद्धा भक्ति का संगम मानते हैं। श्री हनुमान जी के चरणों में निश्चल व निर्मल भाव रखनें वाले श्री पाठक ने बरेली, बदायूं, पीलीभित आदि क्षेत्रों में हनुमान जी के चरित्र का व्यापक विस्तार किया है, स्थान – स्थान पर श्री हनुमान जी की मूर्तियां स्थापित कर भक्ति का संचार किया है। विभिन्न क्षेत्रों में अब तक वे 57 मूर्तियां स्थापित कर चुके हैं और निरंतर श्री हनुमान भक्ति के ध्वज पताका को लेकर आगे बढ़ रहे हैं

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कलियुग में हनुमान जी की भक्ति समस्त मनोरथो को पूर्ण करनें वाली है। मान्यता के अनुसार कलयुग में हनुमान ही एकमात्र जाग्रत देवता हैं। कलियुग ही नहीं बल्कि चारों युगों में उनका प्रताप है। उनकी भक्ति से व्यक्ति के भीतर साहस और आत्मविश्‍वास का संचार होता है। श्री हनुमान जी की भक्ति में आत्मविश्वास का उमंगभरा संचार रखनें वाले श्री कमल पाठक ने (1101) हनुमान जी की मूर्तियाँ स्थापित करनें का सकंल्प लिया है। सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए वह अपने गुरु श्री श्री 1008 मधुसूदनचार्य जी महाराज ,पिता श्री सुभाष चंद्र पाठक एवं माता श्रीमती विनीता पाठक को सबसे बड़ा आदर्श मानते हैं उन्होंने बताया कि उन्हें सनातन भक्ति परिवार से विरासत के रुप में प्राप्त हुई है

हनुमानजी की भक्ति हर संकट से बचाती है। भक्तों ने अपनी भक्ति के चलते हनुमानजी के अलग-अलग रूप को पूजनीय बनाया है।
उन्होनें कहा उत्तराखण्ड की धरती पर भी हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना से उनका व उनकी टीम का हृदय प्रफुल्लित है

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