संतोष के समान कोई धन नही : डा० पाण्डे

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हमें संतोष रुपी धन को नही छोड़ना चाहिए, क्योंकि संतोष रुपी धन से बढकर कोई खुशी नही होती है। मनुष्य अगर संतोषी हो जाये तो उसके सारे कष्ट व दुख स्वंय दूर हो जाते है।
हल्दूचौड़। रिम्पी बिष्ट
भूमिया मंदिर दौलिया में श्रीमद् भागवत कथा महापुराण ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन दिन श्रद्धालु भक्तगणो की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान कथा व्यासत्व पं0 श्री बसन्त बल्लभ पाण्डे ने श्रद्धालु भक्तगणो को कथावाचन करते हुए कहा कि हमें संतोष रुपी धन को नही छोड़ना चाहिए,क्योंकि संतोष रुपी धन से बढकर कोई खुशी नही होती है। मनुष्य अगर संतोषी हो जाये तो उसके सारे कष्ट व दुख स्वंय दूर हो जाते है। कथा के दौरान उन्होने भगवान विष्णु की लीला व महिमा का गुणगान किया।

इस दौरान मुख्य रूप से एक्सर्पट रुफिंग प्रोजेक्ट प्रा0 लि0 के डायरेक्टर मुख्य यजमान संजय भटट् व संतोष भटट् सहित तमाम लोग उपस्थित थे।

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