हल्द्वानी ( नैनीताल ), देवभूमि उत्तराखंड के लोकप्रिय समाजसेवी एवं हजारों – हजार युवाओं की प्रेरणा व कुशल मार्गदर्शक गोपाल सिंह रावत बेशक! महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व गृहमंत्री भारत रत्न स्व गोविन्द बल्लभ पन्त की राष्ट्र सेवा को अपनी प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत मानते हैं, और उन्हीं के आदर्शों पर चलकर समाज सेवा के कार्यों को निःस्वार्थ भाव से आगे बढ़ाते आये हैं। लेकिन राजनीति के क्षेत्र में स्व पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त के पौत्र सुनील पन्त को अपना आदर्श व राजनैतिक गुरु मानते हैं ।
एक मुलाकात के दौरान यहाँ गोरापड़ाव स्थित ” पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त जयन्ती समारोह समिति ” के कैम्प कार्यालय में बातचीत करते हुए गोपाल रावत ने कहा कि नब्बे के दशक में सुनील पन्त के द्वारा ही उनको राजनीति के माध्यम से समाज सेवा को विस्तार देने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया गया था। उन्हीं के मार्गदर्शन, दिशा – निर्देशन व सानिध्य में सर्वप्रथम स्थानीय स्तर पर राजनैतिक गतिविधियां शुरु की फिर धीरे- धीरे इसका विस्तार किया।
गोपाल रावत ने कहा कि सुनील पन्त अपने पिता स्व कृष्ण चन्द्र पन्त और दादा भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त की तरह ही प्रतिभाशाली एवं बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं और अपने परिवार की राष्ट्र भक्ति व देश सेवा की शानदार परम्परा को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं ।
श्री रावत ने कहा कि हाल के कुछ वर्षों में उन्होंने अपनी राजनैतिक सक्रियता बहुत कम कर दी है, क्योंकि अब समाज की विशुद्ध सेवा ही उनका लक्ष्य है और इस लक्ष्य पर वह लगातार बढ़ रहे हैं।
बातचीत के दौरान जब गोपाल सिंह रावत से 71 वर्ष की आयु में भी समाज सेवा को लेकर उनकी सक्रियता व समर्पण के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार तथा आजाद भारत का प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार के महान समाजसेवी व्यक्तित्व सुनील पन्त की सामाजिक सरोकारों को लेकर सतत प्रयासों को देखते हुए उन्हें अद्भुत ऊर्जा मिलती है । इस ऊर्जा को वह समाज की सेवा में ही लगाना चाहते हैं। सार्वजनिक जीवन के लम्बे अनुभवों तथा लगातार संघर्षों के बाद यही समझ आया कि समाज के लिए कुछ योगदान करने में ही जीवन की असल सार्थकता है।
श्री रावत ने कहा कि सुनील पन्त के मार्गदर्शन में ही बीते 35 वर्षों से भारत रत्न पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त जयन्ती लगातार पूरे देश में मनाई जा रही है। इस जयन्ती समारोह समिति के तत्वावधान में सामाजिक सरोकारों से जुड़े तमाम कार्य सालभर चलते रहते हैं। आज की युवा पीढ़ी के लिए इस समिति की प्रासंगिकता को लेकर पूछे जाने पर गोपाल सिंह रावत ने कहा कि महान लोगों के महान आदर्श, महान सिद्धान्त, महान देश भक्ति व देश सेवा और कुल मिलाकर समाज व देश के लिए किया गया उनका त्याग नई पीढ़ी को संस्कारवान, अनुशासित, सेवा भावी और राष्ट्रीय एकता-अखंडता को लेकर जागरूक बनाता है और युवा पीढ़ी राष्ट्र सेवा के प्रति कुछ न कुछ योगदान करने को प्रोत्साहित होते हैं। उन्होंने कहा कि जिस दिन प्रत्येक युवा यह भलीभाली जान लेगा कि आजादी दिलाने मे हमारे महापुरुषों को कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी, उस दिन भारत पूरी तरह सुरक्षित हो जायेगा।
उल्लेखनीय है कि कर्मठ समाजसेवी गोपाल रावत की अध्यात्म के प्रति गहरी निष्ठा रही है। आज भी उनके दैनिक जीवन मे उनके आध्यात्मिक लगाव को समझा व देखा जा सकता है।
अध्यात्म के प्रति गहरी आस्था के बाबत उन्होंने कहा कि कुमाऊं के महान सन्तों में पूजित श्रद्धेय हैड़ाखण्डी बाबा, नीम करोली महाराज, नानतिन महाराज और सोमवारी महाराज को वह अपना गुरु मानते आये है। इन्हीं महान सन्तों से उनको ऊर्जा मिलती है, प्रेरणा मिलती है और आगे बढ़ने के लिए रास्ता मिलता है। चुनौती कितनी भी बड़ी हो, गुरुजनो के स्मरण मात्र से सब कुछ सामान्य हो जाता है। वह कहते हैं कि अपने इन महान गुरु मूर्तियों के चरणों का ध्यान से ही उनको आध्यात्मिक चेतना प्राप्त होती है और गुरुजनों की कृपा से ही आनन्द प्राप्त है।
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