लालकुआँ ।नगर के अंबेडकर पार्क श्री रामलीला मैदान में चल रही रामलीला बेहद आकर्षक का केंद्र बनी हुई है भक्त जनों का अपार समूह प्रतिदिन यहां पहुंचकर प्रभु श्री राम की लीलाओं का आनंद ले रहे है प्रभु की लीला में अभिनय कर रहे विभिन्न पात्र बड़े ही सुंदर ढंग से अपनी प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर रहे हैं इन सबके बीच बाल हनुमान यहाँ की लीला में सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र बने हुए है
रामायण के भीतर बाल हनुमान की कथा अपने आप में बहुत रोचक व अद्भत है हनुमान जी साक्षात शंकर भगवान जी के अवतार थे और बालपन से ही बड़े ही चप्पल और चतुर और चंचल थे ऋषि के आश्रम में जाकर उनके हवन सामग्री कमंडल आदि को उठाकर पेड़ों पर लटका दिया करते थे खेल ही खेल में एक बार हनुमान जी ने भूख लगने पर उगते हुए सूरज को ही लाल फल समझकर निगल लिया था और इसके बाद सारे देवगण उनके सामने उपस्थित हुए और उन्हें भांति भांति के वरदान दिये
आदर्श रामलीला के मंचन में बाल हनुमान की चंचलता सभी दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है यह अभिनय शिक्षाविद् श्री शौरभ पंत व श्रीमती हिमानी पंत के सुपुत्र तुषार पंत कर रहे है
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