डॉ. सुधा यादव बन सकती हैं भाजपा की अगली राष्ट्रीय अध्यक्ष

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भारतीय जनता पाटी ही नहीं बल्कि पूरे देश के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों यह चर्चा आम है कि पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा। कई नाम इस दौड में माने जा रहे हैं, कुछ के नाम पिछले 6 महीने से लगातार चर्चाओं में हैं, लेकिन पार्टी की ओर से कोई निर्णय नहीं हो सका है। जेपी नड्डा की जगह पर पार्टी अब कभी भी किसी अन्य नेता को पार्टी के अध्यक्ष की कमान सौंप सकती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर हर दिन नए नए समीकरण और नए नए नाम सामने आ रहे हैं। अब इनमें से एक और नाम सामने आया है। यह नाम है डॉ. सुधा यादव का। डॉ. सुधा यादव हरियाणा की है और पूर्व सांसद रह चुकी है।
वैसे तो राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए जिन नामों की चर्चा तेजी से हो रही है उनमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान, निर्मला सीतारमन, धर्मेंद्र प्रधान, मनोहर लाल खट्टर और प्रहलाद जोशी शामिल हैं। जैसा कि माना जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सत्ता और संगठन में कई बार चौंकाने वाले फैसले लेते हैं। भले ही लोगों को उनके फैसले चौंकाने वाले लगते हैं, लेकिन उनके पीछे पार्टी के साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की रणनीति छिपी हुई होती हैै। जो भविष्य के अनुसार निर्णय लेती है।
देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संगठन और नीति निर्धारण का सर्वोच्च केंद्र होता है। पिछले कुछ वर्षों से सत्ता और संगठन के बीच तालमेल बनाने में इस पद की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। इसलिए केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद अमित शाह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया, उनके बाद इस पद पर जेपी नड्डा नियुक्त किए गए। दोनों ने ही सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल बैठाया। साथ ही भाजपा संगठन को विस्तार देने में भी दोनों ही अध्यक्षों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। संगठन के विस्तार के बाद अब अधिकांश राज्यों में भाजपा मजबूत स्थिति में आ गयी हैं। उसी का परिणाम है कि अब भाजपा देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है।
अपनी इसी मजबूती को बनाए रखने के लिए भाजपा अब ऐसे ही किसी नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान दे सकती है, जो सत्ता और संगठन के बीच समन्वय के साथ ही राज्यों में संगठन की मजबूती के लिए लगातार काम कर सके। इसमें भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान के नाम प्रमुखता के साथ सामने आए हैं, लेकिन इन नामों के बीच अब एक और नाम उभर कर सामने आया है वह नाम है डॉ. सुधा यादव का। डॉ. सुधा यादव भारतीय जनता पार्टी की संसदीय बोर्ड की सदस्य है। भाजपा की 11 सदस्यों वाले इस बोर्ड में डॉ. सुधा यादव एक मात्र महिला नेता है, जो इस बोर्ड में शामिल हैं। भाजपा के संसदीय बोर्ड में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीएस युदुरप्पा, बीएल संतोष जैसे नेता शामिल है।
जिन सुधा यादव के नाम पर इन दिनों तेजी से विचार किया जा रहा है वे आईआईटी रुड़की से पढी हुई हैं। दरअसल सुधा यादव पिछड़ा वर्ग की महिला हैं और उनके पति सुखवीर सिंह यादव कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे। वे बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट थे। हालातों के चलते उनका परिवार उस समय परेशानियों से गुजर रहा था। इसी दौरान नरेंद्र मोदी की पहल पर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में लोकसभा का पहला चुनाव लड़ने का मौका भाजपा ने दिया था। हरियाणा से वे 1999 में चुनाव लड़ी और लोकसभा में पहुंची । वे पार्टी के ओबीसी मोर्चा में भी है।
पार्टी के दृष्टिकोण से भी डा. सुधा यादव एक उम्दा और संतुलित चेहरा हो सकती हैं। उनके जरिए पार्टी महिलाओं के साथ ही पिछडा वर्ग के लोगों को भी साधने का काम कर सकती है। वहीं देश के लिए कुर्बानी देने वाले परिवार से भी सुधा यादव सीधी जुडी हुई हैं ऐसे में आम जनता की भावनात्मक सहानुभूति भी उनके साथ जुड़ी हुई है।संगठन क्षमता भी उनकी मजबूत मानी जाती है। ऐसे में संगठन की कमान दिए जाने पर अब पार्टी में उनके नाम पर भी विचार तेजी से हो रहा है।

(पवन वर्मा-विनायक फीचर्स)

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