Category: फीचर्स

शरद पूर्णिमा का पौराणिक और वैज्ञानिक महत्व

  भारतीय संस्कृति में वर्ष भर अनेक पर्व और त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें से प्रत्येक के पीछे कोई न कोई पौराणिक कथा, धार्मिक विश्वास और वैज्ञानिक दृष्टिकोण जुड़ा होता….

भूखे बच्‍चों का पेट भरने के ल‍िए मर्दों की भूख म‍िटा रही हैं गाजापट्टी की महिलाएं

  (मनोज कुमार अग्रवाल-विनायक फीचर्स) गाजा पट्टी में जारी इजराइल-हमास युद्ध ने न सिर्फ घरों को उजाड़ा है, बल्कि महिलाओं की जिंदगी को एक अंधेरी गली में धकेल दिया है।….

एक अनोखा गांव जहां रावण की पूजा होती है

भारत की संस्कृति विविधताओं का संगम है। यहाँ देवी-देवताओं की पूजा से लेकर अनेक प्रकार की लोक परंपराएं सदियों से जीवित हैं। यदि देश के किसी हिस्से में रावण को….

प्राकृतिक ऊर्जा और देवी शक्ति के संचार के प्रतीक हैं नवरात्रि के नौ दिन

  (विजय कुमार शर्मा-विनायक फीचर्स) हिंदू धर्म में माता दुर्गा की पूजा को नवरात्रि के रूप में नौ दिन तक मनाने की प्राचीन परंपरा रही है। यह केवल एक धार्मिक….

कैथी लिपि का इतिहास, वर्तमान और भविष्य

  (विवेक रंजन श्रीवास्तव-विभूति फीचर्स) कैथी लिपि भी भारत की प्राचीन और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपि रही है। अंग्रेजी शासन के समय जारी एक रुपए के इस नोट में….

सतलुज के किनारे बसे लोग युद्ध से नहीं बाढ़ से डरते हैं

  (सुभाष आनंद-विनायक फीचर्स) भारत -पाक सीमा पर बसे पंजाब के गांवों के लोगों की समस्याएं मानसून के साथ बढ़ने लगती है, गांव वालों का कहना है कि हम युद्ध….

दृष्टिकोण : राष्ट्र कल्याण हेतु पांच सूत्रीय संकल्प की प्रतिबद्धता

(डॉ. सुधाकर आशावादी-विनायक फीचर्स) किसी की राष्ट्र की समृद्धि नागरिकों के सकारात्मक चिंतन एवं राष्ट्र के प्रति नागरिक कर्तव्यों के समर्पित निर्वहन से होती है। नागरिक कर्तव्य सिखाए नहीं जाते,….

एकता और संप्रभुता के लिए संकल्पित पं. दीनदयाल उपाध्याय

बहुत कम संगठन ऐसे होते हैं, जो नीति और सिद्धांतों की बुनियाद पर खड़े होते हैं। ऐसे संगठन तो कल्पनातीत ही हैं, जो राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत बने रहते….

पंडित दीनदयाल उपाध्याय:राष्ट्रसेवा और मानवीय मूल्यों के प्रति समर्पित व्यक्तित्व

  भारतीय चिंतन परंपरा में कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जो न केवल एक विचारधारा के प्रणेता होते हैं, बल्कि पूरे समाज को एक नई दिशा प्रदान करते हैं। पंडित….

जीएसटी दरों में कमी का लाभ आम जनता को देने को तैयार नहीं हैं छोटे कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों के व्यावसायी

  + प्रधानमंत्री के स्पष्ट संदेश के बावजूद पहले से भी महंगी मिल रही वस्तुएं + संशोधित दरें 22 सितम्बर से लागू होने से 10 दिन पूर्व ही बड़े व्यापारियों….