मानव–वन्यजीव संघर्ष रोकने को प्रशासन सख्त :जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश, सोलर फेंसिंग से लेकर स्कूल टाइमिंग तक होगा बदलाव

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हल्द्वानी / 6 दिसंबर 2025।

जिले में लगातार बढ़ रही मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को लेकर प्रशासन अब अत्यधिक सतर्क मोड में आ गया है। शनिवार को हल्द्वानी कैम्प कार्यालय में जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने वन विभाग और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए संघर्ष रोकथाम के लिए तत्काल प्रभाव से व्यावहारिक और ज़मीनी स्तर पर लागू होने वाली रणनीति तैयार की।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि—

 “मानव वन्य जीव संघर्ष को कम करना केवल सरकारी दायित्व नहीं बल्कि सामूहिक जिम्मेदारी है। जागरूकता, संसाधनों का संरक्षण और सतर्कता ही इस समस्या का समाधान है।”

 संवेदनशील क्षेत्रों में सोलर फेंसिंग दुरुस्त करने के निर्देश

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जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जहां से वन्यजीव मानव बस्तियों की ओर प्रवेश करते हैं, उन क्षेत्रों में सोलर फेंसिंग की मरम्मत और नियमित रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए।

स्कूलों की टाइमिंग में भी होगा बदलाव

जिन क्षेत्रों में गुलदार या अन्य वन्यजीवों की गतिविधि अधिक है वहां जिला शिक्षा विभाग आवश्यकतानुसार विद्यालयों के समय में संशोधन करेगा। साथ ही बच्चों की सुरक्षा हेतु अभिभावकों और ग्रामीणों को स्कूल आने–जाने के समय साथ भेजने के निर्देश दिए जाएंगे।

 ग्रामीणों से अपील : जंगल में अकेले न जाएं

कई घटनाओं के मद्देनज़र जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से अपील की कि जंगल क्षेत्र में अकेले जाने से बचें और सामूहिक रूप से आवाजाही करें।

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मनरेगा के तहत जंगल रास्तों में झाड़ी कटान

महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि घास, चारा या अन्य कार्य हेतु जंगल में जाने वाले मार्गों पर मनरेगा के माध्यम से झाड़ी कटान और सफाई निरंतर जारी रहे।

 तीखे पौधे और प्राकृतिक अवरोधक उगाने पर विचार

कृषि विभाग को निर्देश मिले हैं कि उन क्षेत्रों में जहां जानवरों की आवाजाही अधिक है वहां ऐसे पौधे लगाए जाएं जो वन्यजीवों को आबादी की ओर बढ़ने से रोक सकें।

जलस्रोतों को भरा रखे वन विभाग

जंगल के प्राकृतिक जलस्रोत जैसे चाल–खाल में पानी भरने के निर्देश दिए गए ताकि जंगली जानवर पानी की तलाश में मानव बसावट की ओर न आएं।

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 होटल–रिज़ॉर्ट को चेतावनी — खुले में भोजन न फेंके

जंगल किनारे स्थित होटलों व रिज़ॉर्ट्स को भी खाद्य सामग्री खुले में न फेंकने के निर्देश जारी किए जाएंगे ताकि जानवर मानव क्षेत्र की ओर आकर्षित न हों।

बैठक में प्रमुख रूप से DFO हिमांशु बांगड़ी, ध्रुव मर्तोलिया, आकाश गंगवार, जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी, जिला शिक्षा अधिकारी पी.सी. टम्टा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

 जिलाधिकारी का स्पष्ट संदेश:

 “मानव–वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए सभी विभाग समन्वय से कार्य करें — अब केवल प्रतिक्रिया नहीं, रोकथाम प्राथमिकता होगी।”

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