सांस्कृतिक संध्या में दीप प्रज्वलित कर मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं

ख़बर शेयर करें

 

युवा पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने का सार्थक प्रयास: मुख्यमंत्री धामी

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में “लखपति दीदी योजना” का समर्थन

हल्द्वानी 13 अक्टूबर 2025

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित पांच दिवसीय कुमाऊं द्वार महोत्सव में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम में पंहुचकर उन्होंने दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमाऊँ द्वार महोत्सव यह केवल एक संस्कृति का उत्सव नहीं है बल्कि यह महोत्सव हमारी अस्मिता हमारी पहचान हमारी जड़ों से जुड़ाव रखता है। उन्होंने हमारी लोक संस्कृति गौरा-महेश सातू-आठू के साथ ही हमारे पुराने मोटे अनाज जो हमारे खाद्य पदार्थ हुवा करते थे, का जिक्र करते हुए कहा कि
ये संस्कृति व खाद्य पदार्थ तब मंदिर तक जाते थे,मंदिर में यह खेल लगते थे और यह हमारी पूरी संस्कृति की झलक कुमाऊं द्वार महोत्सव में दिख रही है। इसी कारण हर वर्ष यहां पर प्रतिभाग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति से और परंपराओं से एक गहरा जुड़ाव हम सब करें। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव हमारे कलाकारों को भी एक मंच प्रदान करता है उनकी कला का प्रदर्शन का अवसर देता है और उनको सम्मानित करने का काम भी इस कुमाऊं द्वार महोत्सव के माध्यम से होता है। उन्होंने आयोजन की बधाई देते हुए महोत्सव में प्रस्तुति देने वाले सभी लोक कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा सभी कलाकार अपनी मेहनत से लगन से आज उत्तराखंड का नाम और हमारी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन स्पष्ट प्रमाण है कि टेक्नोलॉजी और ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में भी हमारे आने वाली पीढ़ी को हमारी जड़ों से जोड़ने का सुंदर कार्य यह महोत्सव कर रहा है,

यह भी पढ़ें 👉  पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की बैठक में इस दिन लिया गया दीपावली मनानें का निर्णय, कहा भ्रम से रहे दूर

यहॉ के लोक कलाकारों ने भी अपने परिश्रम निष्ठा से उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के बीच लाने का कार्य किया है। यहॉं के लोक कलाकार उत्तराखंड की सीमाओं को लांघ कर विदेशों में भी जाकर उत्तराखंड की जो संस्कृति है दुनिया के बड़े मंच पर प्रदर्शित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा हमारे राज्य की जो ब्रह्म कमल की टोपी है अपने सर पर पहनी थी और उसके बाद पूरे देश और दुनिया में हमारी टोपी आज हमारी पहचान बन गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य की लोक भाषा और संस्कृति के संरक्षण और समर्थन के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में लोक कलाकारों की सूची भी तैयार की जा रही है जिससे लोक कलाकारों का सत्यापित करने में सहायता भी मिल रही है जिससे उनकी सहायता भी कर पा रहे हैं। कोरोना काल के दौरान लगभग 3200 सूचीबद्ध कलाकारों को प्रतिमाह ₹2000 की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई थी इसके अलावा लोक कला के क्षेत्र में अपना जीवन समर्पित करने वाले कलाकारों को प्रतिमाह की पेंशन भी प्रदान कर रहे हैं। गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत 6 महीने का लोक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन भी कर रही है इन्हीं कार्यशालाओं के माध्यम से युवा पीढ़ी को हमारी पौराणिक संस्कृति की महत्व उसकी समर्थ परंपराओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रहे हैं जिनके माध्यम से संस्कृत घरों को सुरक्षित और विकसित करने में सहायता मिल रही है। सरकार उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य भूषण, लाइव टाइप अचीवमेंट पुरस्कार के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित कर रही है। साथ ही रोजगार को बढ़ाने का प्रयास भी कर रहे हैं इसमें हमारी मातृशक्ति का बहुत बड़ा योगदान है।
यह दशक उत्तराखंड का दशक इसके बारे में माननीय प्रधानमंत्री जी ने हमारे अंदर उर्जा और प्रोत्साहन भरने का काम किया है उसको आगे ले जाने के अग्रदूत कोई बनेगा तो उसमें सबसे बड़ी भूमिका अगर किसी की होगी तो हमारी माता बहनों की होगी।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले नकल माफिया के खिलाफ सरकार ने राज्य में नकल विरोधी कानून लागू किया और ऐसा प्रहार किया कि परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो। स्नातक परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत पर छात्रों की मांग पूरी करते हुए परीक्षा को रद्द करने का काम किया, वहीं सीबीआई जांच की संस्तुति प्रदान की। इन चार वर्षों में 25000 से अधिक भर्ती हो गई है, युवाओं को रोजगार दिया गया है। कल 1500 को नियुक्ति पत्र देने वाले हैं इसके बाद यह संख्या 25500 से अधिक हो जाएगी।।
उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है पिछले 4 वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्टाचारियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  लालकुआं विधानसभा से वरिष्ठ समाजसेवी प्रमोद कलौनी ने विधायकी चुनाव के लिए पेश की मजबूत दावेदारी

इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी के स्वदेशी अपनाओ देश को मजबूत बनाओ के मंत्र को आत्मसात करते हेतु भी सभी से अपील की और कहा कि अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें स्वदेशी का प्रयोग करें। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कुमाऊं द्वार महोत्सव हमारी संस्कृति परंपराओं को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आयोजन साबित होगा। इसके लिए उन्होंने गोविंद दिगारी एवं खुशी दिगारी सहित उनकी पूरी टीम व आयोजन समिति को बधाई देता दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड अपनी सांस्कृतिक समृद्धि और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, और ऐसे आयोजन इस विरासत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति, लोक कला और परंपराओं को संजोए रखने के महत्व पर जोर दिया।

यह भी पढ़ें 👉  रोजगार परामर्श द्वारा प्रशिक्षण की पहल

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का कार्य कर रहा है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपनी जड़ों से जोड़ने में मदद कर रहा है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉल का भी अवलोकन किया, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने “लखपति दीदी योजना” के तहत महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने की भी बात कही, जिससे प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।

महोत्सव में विभिन्न लोक कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया, जिसमें लोकनृत्य और लोकगीत शामिल थे।

कार्यक्रम में अध्यक्ष जिला पंचायत सदस्य दीपा दरमवाल, विधायक राम सिंह कैड़ा,मेयर नगर निगम हल्द्वानी गजराज बिष्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, दायित्वधारी अनिल कपूर डब्बू, दिनेश आर्या, सुरेश भट्ट, शंकर कोरंगा, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत,आई जी रिद्धिमा अग्रवाल, एसएसपी पी एस मीणा, प्रभारी जिला अधिकारी अनामिका, महोत्सव के आयोजक खुशी जोशी एवं गोविन्द दिगारी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, लोक कलाकार और बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad