पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान रेल मंत्री से अतरांकित प्रश्न पूछते हुए उत्तराखंड में रेलवे के विस्तारीकरण और नई योजनाओं के बारे में प्रश्न पूछा है।
जिसके जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि उत्तराखंड से बेहतर सम्पर्कता बनाने के लिए हाल ही में देवबंद-रुड़की नई रेल लाइन परियोजना (29 किलोमीटर) को कमीशन किया गया है। इसके अलावा, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई रेल लाइन परियोजना पर भी कार्य शुरू हो गया है। यह 125 किलोमीटर लंबी परियोजना है जिसमें मुख्य रूप से सुरंगों का निर्माण शामिल है। इस परियोजना की 105 किलोमीटर लंबाई में से लगभग 97 किलोमीटर सुरंग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य अग्रिम चरण में हैं। यह परियोजना देवप्रयाग और कर्णप्रयाग जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों को ऋषिकेश और भारत की राष्ट्रीय राजधानी से रेल संपर्क प्रदान करेगी।
गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को भारतीय रेल से जोड़ने के लिए चारधाम परियोजना के अंतिम स्थान निर्धारण सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है। परियोजना के दो सरेखण हैं (i) डोईवाला-उत्तरकाशी-बड़कोट जो यमुनोत्री और गंगोत्री तीर्थस्थलों को सेवित करेंगे
(ii) कर्णप्रयाग-साईकोट-सोनप्रयाग-जोशीमठ केदारनाथ और बद्रीनाथ तीर्थस्थलों को सेवित करेंगे।
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार होने के बाद, परियोजना की स्वीकृति के लिए राज्य सरकारों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श और अपेक्षित अनुमोदन जैसे नीति आयोग, वित मंत्रालय आदि से मूल्यांकन की आवश्यकता होती है। चूंकि परियोजनाओं की मंजूरी एक सतत और गतिशील प्रक्रिया है, इसलिए निश्चित समय-सीमा तय नहीं की जा सकती।
इसके अलावा उत्तराखंड में रेलवे विस्तारीकरण को लेकर व्यय की जानकारी देते हुए केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उत्तराखंड में पूर्णतः अंशतः पड़ने वाली नई लाइन परियोजनाएं भारतीय रेल के उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे ज़ोनों के अंतर्गत आती हैं। रेल परियोजनाओं का क्षेत्रीय रेल-वार विवरण भारतीय रेल की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया जाता है।
पिछले तीन वर्षों अर्थात 2022-23, 2023-24, 2024-25 और वर्तमान वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान, उत्तराखंड राज्य में पूर्णतः अंशतः पड़ने वाले कुल 146 किलोमीटर लंबाई के 03 सर्वेक्षण कार्य (02 नई लाइन और 01 दोहरीकरण) स्वीकृत किए गए हैं।
01.04.2025 की स्थिति के अनुसार, उत्तराखंड राज्य में पूर्णतः अंशतः पड़ने वाली 40,384 करोड़ रुपए की लागत की 216 किलोमीटर कुल लंबाई वाली 03 नई लाइनें स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 16 किलोमीटर लंबाई को कमीशन कर दिया गया है और मार्च, 2025 तक 19,898 करोड़ रुपए का व्यय किया जा चुका है।



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