लातूर (महाराष्ट्र)। सक्षम उत्तराखंड के प्रांत अध्यक्ष ललित पंत के नेतृत्व में उत्तराखंड प्रतिनिधिमंडल ने विलासराव देशमुख गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, लातूर परिसर में स्थापित DDRC (District Disability Rehabilitation Centre) का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने दिव्यांगजनों के पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाओं, उपकरण वितरण और तकनीकी प्रक्रिया को समझा।
इस अध्ययन दल में प्रांत युवा प्रमुख कमल पंत, लोकेश पंत एवं सामाजिक कार्यकर्ता संतोष कोडगावे शामिल रहे।
DDRC की कार्यप्रणाली से प्रभावित हुआ प्रतिनिधिमंडल
DDRC के संचालक श्री बस्वराज पैके ने टीम को केंद्र की संपूर्ण कार्यप्रणाली, संरचना, प्रबंधन और दिव्यांगजनों के लिए संचालित सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी। उनकी कार्यशैली और सेवा भावना ने टीम को विशेष रूप से प्रभावित किया।
फिजियोथेरपिस्ट डॉ. रतन जाधव ने दिव्यांग बच्चों के लिए किए जा रहे फिजियोथेरेपी एवं विशेष पुनर्वास कार्यों का व्यावहारिक प्रदर्शन करते हुए जानकारी दी।
दिव्यांशा केंद्र और एलिम्को की भूमिका पर चर्चा
प्रधानमंत्री दिव्यांशा केंद्र के संचालक शुभम खंडारे ने केंद्र द्वारा दी जा रही सेवाओं, प्रशिक्षण प्रणाली और एलिम्को द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे सहायक उपकरणों की विस्तृत जानकारी साझा की।
वहीं डॉ. कृष्णा हरिभाऊ ने UDID कार्ड प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि इससे देशभर में दिव्यांगजनों को मिलने वाली सुविधाएं सरल हो जाती हैं।
डॉ. योगेश बिटूरकर ने दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों के संचालन, चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी।
सहायक उपकरणों का वितरण
इस अवसर पर राजवर्धन जी को बैग और सेवित दादा को व्हीलचेयर, छड़ी और अन्य सहायक उपकरण प्रदान किए गए।
केंद्र के कार्य की प्रशंसा
प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र की पालक प्रीती मोहिती, शीतल जी एवं पल्लवी जाधव जी से भी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं और सभी कर्मचारियों की समर्पित भावना की सराहना की।
आभार
प्रांत अध्यक्ष ललित पंत ने कहा कि DDRC मॉडल दिव्यांगजनों के पुनर्वास के क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण है, और उत्तराखंड में भी इसी तरह की उन्नत और सुदृढ़ व्यवस्था स्थापित करने के लिए यह अनुभव अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने सभी अधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
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