सादगी और संस्कारों के संग संपन्न हुआ पंत व खरे परिवार का पावन वैवाहिक समारोह

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वैदिक मंत्रोच्चार से सात फेरों तक गूँजती रही शुभकामनाएँ

हल्द्वानी/जबलपुर।
हल्द्वानी शहर के डहरिया मानपुर पश्चिम निवासी श्रीमती रेनू पंत एवं श्री दीप चन्द्र पन्त के सुपुत्र चिरंजीवी आशुतोष पंत का विवाह जबलपुर (मध्य प्रदेश) निवासी आयुष्मती श्वेता, सुपुत्री श्रीमती शिप्रा खरे एवं श्री गणेश खरे के साथ वैदिक रीति–रिवाजों और पारंपरिक विधि-विधान के साथ सादगीपूर्ण और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ।

यह वैवाहिक समारोह मध्य प्रदेश के कृष्णम रिसोर्ट, करमेटा जबलपुर में आयोजित हुआ, जहाँ देश की दो अलग संस्कृतियों का पावन मिलन देखने को मिला। सभी वैवाहिक रीति-रिवाज एवं पवित्र संस्कार चिटगल गाँव निवासी प्रसिद्ध आचार्य पंडित मोहन चन्द्र पंत जी की देख-रेख, मंत्रोच्चारण और मार्गदर्शन में सम्पन्न हुए।

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इष्ट, मित्र, स्वजन और परिजनों के आशीर्वाद से हुआ मांगलिक समागम

विवाह समारोह में दोनों परिवारों के स्वजन, मित्रों एवं शुभचिंतकों ने उपस्थित होकर वर–वधू को आशीर्वाद प्रदान किया और उनके सुखी, समृद्ध तथा मंगलमय जीवन की कामना की। कार्यक्रम में सौहार्दपूर्ण वातावरण, पारिवारिक गर्मजोशी और पारंपरिक आतिथ्य ने सभी मेहमानों को भावविभोर किया।

हल्द्वानी में सम्पन्न हुआ महिला संगीत एवं प्रीतिभोज

बारात वापसी के बाद बुधवार को हल्द्वानी के एक प्रसिद्ध बैंकेट हॉल में महिला संगीत एवं प्रीतिभोज का आयोजन किया गया। इसमें शहर के आमंत्रित गणमान्य नागरिकों, रिश्तेदारों और परिजनों ने सम्मिलित होकर नवदम्पत्ति को ढेरों शुभकामनाएं दीं।

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महिला संगीत में पारंपरिक कुमाऊँनी गीतों, शादी के रस्मों और पारिवारिक उत्सव की उमंग ने आयोजन को जीवंत और यादगार बना दिया।

दादी श्रीमती भगवती पंत का भावपूर्ण आशीर्वचन

वर की दादी और परिवार की आदरणीय बुजुर्ग श्रीमती भगवती पंत ने नवविवाहित दम्पत्ति को आशीर्वाद देते हुए भावपूर्ण शब्दों में कहा—

 “ईश्वर इस दम्पत्ति को जीवनभर
प्रेम, धैर्य, सम्मान और समझदारी का वरदान दें।
इनके जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का सूर्य सदा उदित रहे।
घर-परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति इनके कदम सदा कल्याणकारी रहें।”उनके ये वचन विवाह समारोह का सबसे भावनात्मक और प्रेरणादायक क्षण रहे।

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विशेष

इस पवित्र विवाह ने न केवल दो हृदयों को जोड़ा, बल्कि दो परिवारों, दो संस्कारों और दो सामाजिक परंपराओं को भी एक सूत्र में पिरो दिया।
समारोह पूर्ण श्रद्धा, सादगी और समृद्ध भारतीय संस्कृति की झलक के साथ संपन्न हुआ।

वर–वधू को हार्दिक शुभकामनाएँ — आपका जीवन सदैव प्रेम, सम्मान और सौहार्द से आलोकित रहे।

 

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