“लालकुआं में 18 दिसंबर से आरंभ होगी भव्य संगीतमय श्रीराम कथा, आस्था और संस्कृति का दिव्य उत्सव”

ख़बर शेयर करें

 

लालकुआं (नैनीताल)। क्षेत्र में धर्म, संस्कृति और आस्था के संवर्धन हेतु एक भव्य संगीतमय श्रीराम कथा समारोह का आयोजन आगामी 18 दिसंबर से 26 दिसंबर 2025 तक किया जाएगा। कथा का वाचन सुप्रसिद्ध कथा प्रवक्ता, आध्यात्मिक चिंतक आचार्य डॉ. पंकज मिश्र ‘मयंक’ द्वारा किया जाएगा।

इस आयोजन की जानकारी देते हुए राधे राधे सेवा समिति के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि कथा आयोजन हेतु व्यापक स्तर पर तैयारियाँ प्रारंभ हो चुकी हैं। समिति के दर्जनों कार्यकर्ता तन-मन-धन से सेवा कार्य में जुटे हुए हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ 18 दिसंबर को भव्य कलश यात्रा के साथ किया जाएगा, जिसमें क्षेत्र की महिलाएँ, श्रद्धालु और भक्तजन शामिल होंगे।

यह भी पढ़ें 👉  “जिलाधिकारी की सख़्त मॉनिटरिंग का असर : नैनीताल में जन्म–मृत्यु प्रमाण पत्रों के निर्गमन में ऐतिहासिक तेजी, जनता को मिली बड़ी राहत”

कथा का आयोजन 25 एकड़ रोड स्थित भोला मंदिर परिसर के सामने विशाल पंडाल में किया जा रहा है। यह आयोजन केवल धार्मिक कार्यक्रम न होकर समाज में संस्कार, सद्भाव, नैतिकता एवं भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण का संदेश देने वाला होगा।

पंकज मिश्र का प्रेरक संदेश

आचार्य डॉ. पंकज मिश्र ‘मयंक’ ने संदेश देते हुए कहा—

यह भी पढ़ें 👉  “विद्या–सपनों की उड़ान: मूवीजोन हल्दूचौड़ में चौथे दिन भी उमड़ा उत्साह, दर्शकों ने सराहा संघर्ष और प्रेरणा से भरी कहानी”

 “श्रीराम कथा केवल एक कथा नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शन है। श्रीराम हमें सिखाते हैं कि सत्ता से नहीं, सत्य से समाज बनता है। जीवन में संकट आएँ तो हताश न हों, क्योंकि जहाँ धर्म है, वहाँ विजय निश्चित है। श्रीराम के चरित्र में मर्यादा, करुणा, करुणा में प्रेम और प्रेम में समर्पण का भाव छिपा है।”

उन्होंने आगे कहा—

“जो व्यक्ति राम को सुनता है, वह केवल ज्ञान नहीं पाता, बल्कि जीवन जीने की कला सीखता है। राम कथा मन, बुद्धि और आत्मा— तीनों को पवित्र करती है।”

यह भी पढ़ें 👉  “लालकुआं में माँ अवंतिका के दर्शन को पहुंचे दिलीप बोहरा : बोले, यहाँ की शांति है अद्भुत और दिव्य”

क्षेत्रवासियों के लिए विशेष अवसर

यह भव्य आध्यात्मिक आयोजन श्रद्धालुओं को धर्म से जुड़ने,
भारतीय संस्कृति को समझने, और
श्रीराम के आदर्शों को जीवन में उतारने
का अनमोल अवसर देगा।

समिति ने अधिक से अधिक लोगों से इस आध्यात्मिक उत्सव में सम्मिलित होकर धर्म, श्रद्धा और संस्कृति की इस दिव्य धारा का लाभ लेने की अपील की है।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad