हल्द्वानी /
बागजाला गौलापार के ग्रामीणों को वन विभाग के नोटिस दिए जाने और विकास कार्यों पर रोक लगाए जाने के विरुद्ध अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा किसान पंचायत का आयोजन किया गया। किसान पंचायत में सैकड़ों ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा को व्यक्त किया और घोषणा की कि यदि वन विभाग के नोटिस वापस नहीं लिए गए और विकास कार्यों पर लगी रोक नहीं हटाई गई तो 23 दिसंबर को हल्द्वानी में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।
किसान पंचायत को संबोधित करते हुए किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने कहा कि, बागजाला के नजदीक स्टेडियम बन जाने और चिड़ियाघर, बस अड्डा, हाईकोर्ट आने की चर्चा के बाद ऐसा लगता है कि इस बेशकीमती जमीन को भाजपा सरकार गरीब किसानों से छीनकर पूंजीपति बिल्डरों को देना चाहती है। शायद इसी कारण भाजपा के जनप्रतिनिधि विधायक सांसद वन विभाग के नोटिस आने के बावजूद खामोश हैं। इसलिए अब जनता की एकता बनाते हुए अपनी भूमि को बचाने के लिए सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरना ही एकमात्र रास्ता है।
किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, भाजपा की प्रदेश सरकार ने गरीब जनता का जीना दूभर कर दिया है। बागजाला में गरीब लोगों द्वारा पूरी जिंदगी की कमाई से बनाए मकान के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। पहले भाजपा सरकार ने यहां के लोगों को ग्राम पंचायत के अधिकार से बेदखल कर दिया और उसके बाद लगातार वन विभाग के माध्यम से नोटिस थमाए जा रहे हैं। अपनी जिंदगी भर की मेहनत की पूंजी लगाकर बनाए गए घरों पर संकट छा गया है। परंतु भाजपा सरकार के सांसद, विधायक व अन्य नेताओं ने खामोशी ओढ़ रखी है, यह शर्मनाक है।
भाकपा माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, बीजेपी का काम ये हो गया है कि जनता के बीच में फूट डालकर, उनको विभाजित कर उनको अपनी जमीनों से बेदखल कर भूमि को बड़े पूंजीपतियों को सौंप दिया जाय। यही बागजाला गौलापार में किया जा रहा है इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि लालकुआं विधायक विधानसभा में बागजाला की जमीन के मालिकाना अधिकार का प्रस्ताव पारित करा कर वन विभाग की अनापत्ति प्राप्त कर मालिकाने की प्रक्रिया शुरू करें। अन्यथा भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा।
ग्रामीण पंकज चौहान ने कहा कि, पहले बागजाला में किसी भी नए मकान बनने पर रोक लगा दी गयी, हर घर नल योजना रोक दी गई, वन विभाग द्वारा सरकारी सीसी रोड रोक दी गई। वन विभाग की जनविरोधी कार्यवाहियों से हजारों की संख्या वाले बागजालावासी दहशत में है।
अखिल भारतीय किसान महासभा के द्वारा अपने हक अधिकार की लड़ाई को आगे बढ़ाने की रणनीति तय करते हुए 23 दिसंबर को विशाल प्रदर्शन की चेतावनी दी गई।
किसान पंचायत के माध्यम से मांगें उठाई गई :
1- वन विभाग द्वारा बागजाला में नोेटिस देने की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए, दिए गए सभी नोटिस वापस लिए जाएं। जो परिवार जहां पर है उसे वही पर स्थाई रूप से निवास की अनुमति देते हुए भूमि का मालिकाना नाम पर करने की प्रक्रिया शुरू की जाए।
2- बागजाला को आगामी पंचायत चुनाव में पूर्व की भांति पजाया ग्राम सभा में शामिल किया जाय।
3- हर घर नल योजना पर लगी रोक को हटाकर पुनः योेजना चालू की जाए।
4- बागजाला में निर्माण कार्य पर लगी रोक को खत्म किया जाए।
5- वन विभाग द्वारा रोकी सरकारी सीसी रोड को पुनः बनाने का काम शुरू किया जाए।
6- नए बिजली कनेक्शन पर लगी रोक हटाई जाए।
सर्वसम्मति से तय किया गया कि गांव में किसान महासभा की व्यापक सदस्यता अभियान चलाते हुए किसान कमेटी का गठन किया जाएगा और 23 दिसंबर को हल्द्वानी में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।
सभा की अध्यक्षता आनंद सिंह नेगी, संचालन पंकज चौहान और ललित मटियाली ने संयुक्त रूप से किया। किसान पंचायत में वरिष्ठ किसान नेता बहादुर सिंह जंगी, विमला रौथाण, नैन सिंह कोरंगा, जी एस बगडवाल, डा कैलाश पाण्डेय, धीरज कुमार, इंदर पाल आर्य, पंकज चौहान, हरीश भंडारी, हरीश चंद्र, नफीस, कुशी राम, कुंवर राम, पूर्व प्रधान वेद प्रकाश, उर्मिला रेसवाल, दीपा जोशी, माया देवी, दीपा आर्य, गोविन्द, ललित जनौटी, चन्दन सिंह, ममता भट्ट, कमला, रेखा, जीवंती, चंद्रा पंवार, तारा चावला, दुर्गा देवी, सरस्वती देवी, दया देवी, रेशमा, सीबा, भागीरथी, पूरण, रमेश, नीरज रियासत, प्रताप राम, पंकज सुयाल, लाला राम, राधा बल्लभ, विशाल, करबीर राम, नारायण राम, नवनीत कौर, भावना, इंद्र सिंह चिलवाल, सुषमा आर्य, निर्मला गोस्वामी, राजू, योगेश, कुमकुम आर्य रमेश थूवाल, दीपू चंद, साहिल, डूंगर देव आदि सैकड़ों ग्रामीण शामिल रहे।
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