योगी सरकार में अब जन समस्याओं की अनदेखी पड़ेगी भारी

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*जनप्रतिनिधियों के लिखे पत्र पर तुरंत होगी कार्रवाई*

*सभी प्रमुख सचिव, डीजीपी समेत सभी मंडलायुक्त, विभागाध्यक्ष, डीएम, एसपी को आदेश जारी*

*प्रदेश में पहली बार जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए उठाया जा रहा कदम, जिम्मेदारी से बच नहीं पाएगा कोई विभाग*

*हर सरकारी कार्यालय में रखा जाएगा जनप्रतिनिधि पत्राचार रजिस्टर*

*सांसदों, विधानमण्डल सदस्यों और अन्य जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश*

*आदेशों की अवहेलना करने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध होगी कठोर कार्यवाही*

*रजिस्टर में पत्रों का विवरण दर्ज कर जनप्रतिनिधियों को पत्र भेजे जाने तथा प्रकरण के निस्तारण की स्थिति से अवगत भी कराया जाएगा*

*इससे जनप्रतिनिधियों को एक ही मामले में बार-बार अनावश्यक पत्राचार नहीं करना पड़ेगा*

*लखनऊ, 28 अप्रैल :* योगी सरकार ने जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के भेजे गए पत्रों की अनदेखी करने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर संसदीय कार्य विभाग ने शासनादेश जारी करते हुए सभी प्रमुख सचिवों, डीजीपी, मंडलायुक्तों, विभागाध्यक्षों, जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
जन समस्याओं के मामले में योगी सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक सरकारी कार्यालय में जनप्रतिनिधि पत्राचार रजिस्टर रखा जाए, जिसमें जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों का विवरण दर्ज किया जाए। साथ ही पत्र प्राप्त होते ही उसका जवाब भेजा जाए। साथ ही मामले के निस्तारण की स्थिति भी संबंधित जनप्रतिनिधि को अवगत कराई जाए। ताकि एक ही प्रकरण में बार-बार पत्राचार की आवश्यकता न पड़े।

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*आम आदमी की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश*

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि जनप्रतिनिधियों के पत्रों को गंभीरता से लिया जाए। साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान में कोई लापरवाही न बरती जाए। आम आदमी की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश हैं। इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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*जनप्रतिनिधि पत्राचार रजिस्टर अनिवार्य*

सभी विभागों और कार्यालयों में जनप्रतिनिधियों के पत्रों का रिकॉर्ड रखने के लिए पत्राचार रजिस्टर अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही पत्र की प्राप्ति पर तत्काल पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होगी। साथ ही समाधान की सूचना देना भी जरूरी होगा।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा जनप्रतिनिधियों के पत्रों की अनदेखी की गई, तो उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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*शासन में बढ़ेगी पारदर्शिता और जवाबदेही*

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह निर्णय शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा। अब विभागों को जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर त्वरित और प्रभावी कार्यवाही करनी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की जनता के लिए किया गया यह फैसला प्रदेश सरकार, जनप्रतिनिधियों और जनता के बीच सेतु को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। इससे न केवल जनसमस्याओं का समयबद्ध समाधान संभव होगा, बल्कि शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली में भी महत्वपूर्ण सुधार आएगा।

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