हल्दूचौड़/ भीकमपुरा (अलवर)।
राजस्थान के अलवर जिले के भीकमपुरा स्थित तरुण भारत संघ के ‘तरुण आश्रम’ में इस शुक्रवार को संस्था की स्वर्ण जयंती समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें ‘जलपुरुष’ के नाम से विख्यात डॉ. राजेन्द्र सिंह मुख्य अतिथि रहे। समारोह के मंच से उन्होंने पर्यावरण, सामाजिक जागरूकता और युवा उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे उत्तराखंड के तीन नायकों—भोपाल सिंह चौधरी, पीयूष जोशी और जसपाल सिंह चौहान—को सम्मानित किया।
इस दौरान ‘तरुण आश्रम’ के सचिव रवींद्र मेहता ने पिछले पचास वर्षों में तरुण भारत संघ द्वारा किए गए प्रमुख जल-संरक्षण अभियानों, जोहड़ निर्माण और सामुदायिक जागरूकता कार्यों का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। साथ ही सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति संदेश फैलाया गया।
पीयूष जोशी (लालकुआं, हल्दूचौड़)।
वर्तमान में माधवी फाउंडेशन के अध्यक्ष पीयूष जोशी द्वारा सोशल वर्क और आरटीआई एक्टिविज्म के क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले पीयूष जोशी को उनके बहुआयामी सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।लालकुआं विधानसभा के अंतर्गत आने वाले हल्दूचौड़ क्षेत्र से जुड़े पीयूष ने पिछले महीनों में आवारा पशुओं के आतंक के खिलाफ मोर्चा संभाला और स्थानीय प्रशासन के समक्ष किसानों एवं ग्रामीणों के हितों की मांग करते हुए शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व किया था। इस दौरान उन्होंने करीब एक दर्जन गांवों में हलचल मचाते हुए तहसील कार्यालय का घेराव कर जिलाधिकारी को 12 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा, जिससे ग्रामीणों की समस्या तेजी से सुनी गई और आश्वासन दिए गए कि आंदोलन से पहले समुचित समाधान निकाला जाएगा।
इसके अतिरिक्त, पीयूष जोशी ने ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के छात्र दीपांशु की संदिग्ध मौत पर भी हल्ला बोला और दौलिया क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों के साथ मिलकर एसएसपी कार्यालय के सामने धरना दिया, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दों पर कटिबद्ध हैं और ‘माधवी फाउंडेशन’ के माध्यम से कोविड-19 काल में करीब 10,000 परिवारों तक राशन, दवाइयाँ तथा आर्थिक सहायता पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।
पीयूष द्वारा माधवी फाउंडेशन की मदद से अभी तक 50 से अधिक स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से आम जन तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई संस्था द्वारा अभी तक 1000 से अधिक लोगों के निशुल्क मोतियाबिंद के ऑपरेशन भी करवाए गए ,इसके अलावा संस्था भूत जल्द यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए निशुल्क कोचिंग खोलने पर भी विचार बना रही है जिस पर कार्यवाही गतिमान है साथ ही साथ संस्था विभिन्न सामाजिक कार्यों के माध्यम से कार्य कर रही है इसके अलावा संस्था “एक युद्ध नहीं के विरुद्ध” चला कर नशामुक्ति पर कार्य भी कर रही है,साथ ही साथ संस्था ने पशु चिकित्सा शिविरों के माध्यम से पशुओं का भी इलाज करवाया ,पीयूष के इन्हीं बहुआयामी कार्यों को देखते हुए उन्हें विश्वविख्यात राजेंद्र सिंह
‘ जलपुरुष ‘ के तरुण भारत संघ ने सम्मानित किया।
समारोह में सम्मान प्राप्त करने के बाद पीयूष ने कहा, “यह सम्मान मेरे प्रयासों का नहीं, बल्कि उस टीम का है जिसने हर विपत्ति में साथ दिया। लालकुआं व हल्दूचौड़ में हमने आवारा पशुओं के कारण फसलों और जान-माल को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए संघर्ष किया। इसी तरह, युवाओं को स्वरोजगार के लिए ट्रेनिंग देना और शिक्षा के अधिकार की लड़ाई लड़ना मेरी प्राथमिकता है। यह सम्मान हमें और अधिक जनहित में कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।”
भोपाल सिंह चौधरी (देहरादून)
प्रकृति पर्यावरण संस्थान के अध्यक्ष एवं किसान मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता भोपाल सिंह चौधरी को ‘पर्यावरण संरक्षण’ एवं किसानों के अधिकारों के लिए उनके लगातार संकल्पबद्ध प्रयासों की वजह से सम्मानित किया गया। देहरादून निवासी भोपाल सिंह ने पिछले दस वर्षों से उत्तराखंड में वृक्षारोपण अभियान, जल संसाधन प्रबंधन व ग्रामीण सतत विकास परियोजनाएँ संचालित की हैं। उनके नेतृत्व में संस्थान ने कई गांवों में सोलर-पॉवर्ड जलपंप स्थापित किए, जिससे पीने के पानी की समस्या दूर हुई और किसानों को सिंचाई के लिए नई टेक्नोलॉजी का लाभ मिला।
भोपाल सिंह ने कहा, “हमारे देश के किसान जब तक जल-संसाधनों से संवद्ध नहीं होंगे, तब तक उनकी समृद्धि संभव नहीं। प्रकृति पर्यावरण संस्थान ने पहाड़ी क्षेत्रों में लिपली नदी तट पर गायब हो रहे जोहड़ और कुएँ बचाने के लिए स्थानीय युवा स्वयंसेवकों के साथ मिलकर नियमित साफ-सफाई अभियान चलाए हैं। मुझे यह सम्मान गाँव-गाँव में पानी बचाओ और पेड़ लगाओ संदेश फैलाने वाले हर साथी का गौरवपूर्ण परचम मानता हूं।”
जसपाल सिंह चौहान (देहरादून)
उत्तराखंड बेरोजगार संघ, देहरादून के जिला अध्यक्ष जसपाल सिंह चौहान को युवा बेरोजगारों के मुद्दों पर आवाज बुलंद करने तथा राज्य भर में बेरोजगारों के लिए स्वरोजगार समाधान के प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करने के लिए सम्मानित किया गया। जसपाल सिंह ने हाल ही में देहरादून सचिवालय के बाहर बेरोजगारों के पैरवी में शांतिपूर्ण धरना आयोजित कराया, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और प्रवेश पास प्रणाली को सरल बनाने हेतु लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, “हमारा उद्देश्य केवल नौकरी दिलाना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। पिछले तीन वर्षों में हमने राज्य भर में बेरोजगारों के लिए 50 से अधिक कैरियर काउंसलिंग कैंप, कौशल विकास कार्यशालाएं और माइक्रो-फाइनेंस समूहों का गठन किया, जिससे सैकड़ों युवा अब स्वयं का उद्यम शुरू कर चुके हैं। इस सम्मान ने हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ा दी है।”
डॉ. राजेन्द्र सिंह (मुख्य अतिथि)
“तरुण आश्रम के ज़रिए पिछले पचास वर्षों में देश भर के ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण की एक लहर उठी है,” डॉ. राजेन्द्र सिंह ने समारोह के दौरान कहा। उन्होंने तीनों सम्मानितों को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि उनके प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बने रहेंगे। डॉ. सिंह ने आगे कहा कि “जब समाज का हर वर्ग—चाहे वह किसान हो या बेरोजगार युवा—जल और पर्यावरण के प्रति जागरूक होता है, तभी एक समृद्ध, सतत व स्वावलंबी राष्ट्र का निर्माण संभव है।”
समारोह के समापन पर सभी ने ‘प्रकृति बचाओ, पर्यावरण बचाओ’ संकल्प लिया और तरुण भारत संघ के कार्यकर्ताओं ने आने वाले महीने भर में अलवर, सिरोही व उदयपुर जिलों में नए जोहड़ निर्माण व वृक्षारोपण कार्यशालाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की।
यह आयोजन न केवल तरुण भारत संघ के लिए गौरवशाली रहा, बल्कि पूरे उत्तराखंड व राजस्थान से आए सामाजिक कार्यकर्ताओं, पर्यावरणविदों और युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बनकर उभरा कि मिलकर चलाए गए अभियान असंख्य जीवनों को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं।



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