बिन्दुखत्ता में आयोजित उत्तरायणी मेले में प्रसिद्व लोक गायक शेर सिंह दानू के गीतों की आज जमकर धूम रहेगी इसके अलावा श्वेता महर जितेन्द्र तुमक्याल भी लोक संस्कृति का जलवा बिखेरेगें
एक मुलाकात में श्री दानू ने कहा उत्तरायणी कौतिक के बहानें सांस्कृतिक वैभव,सांस्कृतिक मूल्यों तथा सांस्कृतिक सरोकार का सगंम देखनें को मिलता है।सांस्कृतिक मूल्यों का महत्व मेलों में देखने को मिलता है।मेलों में भारतीय संस्कृति की झलक पाई जाती है। इन मेलों में सामाजिकता, संस्कृति आदि का अद्वितीय सगंम होता है। उन्होनें कहा संगीत एक साधना है।भारतभूमि की सभ्यताओं में संगीत का सनातन काल से महत्व रहा है।संगीत मानवीयता की लय एंव तालबद्वता की वो अभिव्यक्ति है।जिसकी साधना के लिए कठोर परिश्रम करना पड़ता है। उन्होनें कहा भारतीय संगीत सदा ही उच्चकोटी की साधना रही है।तथा हमारे उत्तराखण्ड़ का संगीत भी अपनी मधुरता,लयबद्वता तथा विविधता के लिए प्रसिद्ध है
कुल मिलाकर बिन्दुखत्ता में आयोजित मेले में जनता का जबरदस्त उत्साह है मेले का शुभारंभ 12 जनवरी से हो गया है पाँच दिवसीय मेले में लोक गायक शेर सिंह दानू के अलावा तमाम नामी कलाकार आज अपना जलवा बिखेरेंगे



लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें