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हल्दूचौड़ ( नैनीताल ), देवभूमि उत्तराखण्ड में हजारों ऐसे प्राचीन देवस्थल तथा पौराणिक तीर्थ क्षेत्र हैं , जिनकी धार्मिक महत्ता, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक वैभव आज भी जन सामान्य क्या सरकारों को भी ज्ञात नहीं है। ऐसे धर्म स्थलों को पुस्तको के माध्यम से प्रकाश में लाने का प्रयास लम्बे समय से उनके सहयोगियो द्वारा किया जा रहा है और सुखद परिणाम भी सामने आते रहे हैं। भविष्य में भी पुस्तक प्रकाशन का यह पावन अभियान लगातार जारी रहेगा। यह बात आज यहाँ “पीताम्बरी साधना एवं दिव्य योग ट्रस्ट “के चेयर पर्सन हेमवती नन्दन दुर्गापाल ने कही ।
अपने आवास पर अनेक स्थानीय जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हाल ही प्रकाशित ” जय मॉ बगलामुखी ” पुस्तक भेंट स्वरूप ग्रहण करते हुए हेमवती नन्दन दुर्गापाल ने पुस्तक लेखन में शामिल पूरी टीम को इस रचनात्मक कार्य के लिए बधाई दी । उन्होंने कहा कि देवभूमि में तीर्थाटन व धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं और इसके विकास से स्थानीय व क्षेत्रीय रोजगार को बढ़ाने में मदद मिलेगी ।
श्री दुर्गापाल ने कहा कि जो भी लोग ऐसे रचनात्मक कार्यों में लम्बे समय से जुटे हुए हैं उनको राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
मदन जलाल मधुकर
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