श्री राम की लीला में पात्रों को पात्रता का हुनर सीखानें वाले जानिये कौन है ये डायरेक्टर

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लालकुआँ / भगवान श्री राम के अनन्य भक्त व उत्तराखंड में श्रीराम की लीला में अनेक कलाकारों को पात्रता का हुनर सीखानें वाले श्री आदर्श रामलीला कमेटी के डायरैक्टर पान सिंह बिष्ट वर्तमान समय में भी श्रीराम लीला मंचन के लिए पात्रों को प्रशिक्षण देकर मंच में बेहतर अदा करने की भूमिका सिखा रहे है। श्री पान सिंह बिष्ट उत्तराखण्ड़ के एक बेहतर कलाकार हैं। वर्षों तक उन्होंने देव भूमि में अपनी कला का प्रदर्शन श्री राम लीला के मचनों में किया है।
ग्राम कुलाऊँ गोवापानी दौलाघट जिला अल्मोड़ा के रहनें वाले श्री बिष्ट बताते है, कि श्री रामलीला मंचन की प्रेरणा उन्हें मुख्य रूप से अपने माता-पिता गुरु श्री नित्यानंद जोशी जी की कृपा से प्राप्त हुई। उनका प्रारंभिक मचंन दौलाघट में वर्ष 1969 में हुआ संपूर्ण कलाकारों की भूमिका बड़ी ही शिद्दत व कलाकृति के साथ निभाने का हुनर रखनें वाले श्री बिष्ट ने लंबे समय तक अपने गांव में रामलीला का मंचन किया और वर्ष 1979 से 1987 तक अपने ही ग्राम सभा में डायरेक्शन का कार्य कर प्रतिभाओं को निखारा 1988 से 2004 तक जनपद नैनीताल के बिन्दुखत्ता ,कार रोड, पुराना खत्ता संजय नगर आदि अनेक क्षेत्रों में डायरेक्शन का कार्य कर प्रतिभाओं को तराश कर श्रीराम लीला मंचन के लिए तैयार किया। वर्ष 2005 से वर्ष 2000 तक लाल कुआं में डायरेक्शन का कार्य कर एक अमिट छाप छोड़ी अपनी प्रतिभा के चलते वर्ष 2017 से वे डायरेक्शन कर रहे है। वर्तमान में उनके डारेक्शन में ही उत्तराखंड की सबसे बेहतर रामलीला लालकुआं में आयोजित होनें जा रही है।
श्री राम लीला मंचन व श्री राम नाम के ध्वज वाहक श्री पान सिंह बिष्ट ने लालकुआं क्षेत्र व पहाड़ के तमाम क्षेत्रों में अनेकों कलाकारों की प्रतिभा निखारकर उन्हें श्री राम की लीला के लिए तराशकर उन्हें उपयोगी बनाया है। श्री रामलीला मंच के इस महानायक में श्री राम भक्ति व राम की लीला के प्रति अटूट श्रद्वा का संगम देखनें को मिलता है।वर्तमान समय में पनदा लालकुआं में कलाकारों को श्रीराम लीला की रिहर्सल करवाकर शानदार मंचन करवा रहे है।प्रभु श्री राम के प्रति अखण्ड़ निष्ठ़ा रखनें वाले पनदा तुलसी बाबा को याद कर कहते है।
जिन लोगों को सांसारिक सुख स्वप्न में भी नहीं मिलते और परमार्थ में – मोक्ष-प्राप्ति के मार्ग में जिनका प्रवेश नहीं है, भगवान श्रीरामनाम का स्मरण करने से उनके भी सभी कठिन कलेश विकार मिट जाते हैं

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