समाज सेवी शुभम् अण्डोला ने मजदूर बस्ती में पहुंचकर किया कन्या पूजन, दिया मानवता का संदेश, देखिये वीडियो

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हल्दूचौड़/नवमीं के पावन अवसर पर प्रसिद्ध समाज सेवी शुभम् अण्डोला ने क्षेत्र की सुख समृद्धि व मंगल कामना को लेकर कन्या पूजन किया श्री अण्डोला ने मजदूर बस्ती में पहुंचंकर कन्या पूजन किया उनके द्वारा किये इस पूजन की समस्त क्षेत्र वासियों ने सराहना करते हुए कहा गरीब लोगों के बीच में जाकर जिस प्रकार श्री अण्डोला ने मानवता का धर्म निभाया है वह अपने आप में अद्भूत मिशाल है श्री अण्डोला ने हर वर्ष की भांति इस बार एक नये घर मुखराम कश्यप जी के वहां परिवार के साथ पहुंचकर कन्या पूजन किया और अपने पुत्र दक्ष अण्डोला के हाथों परिवार को आर्थिक मदद प्रदान की इस अवसर पर उनकी धर्म पत्नी मीना अण्डोला सहित तमाम सहयोगी मौजूद रहे

 

उल्लेखनीय है कि कर्मशीलता की धारा के साथ लोक कल्याण को समर्पित रहनें वाले मधुर,मृदृभाषी,सरल हृदय कर्म शील प्रकृति के धनी अपना जीवन ईमानदारी को अर्पण करनें वाले शुभम् निर्मल हृदय व सादगी की मिशाल के रुप में पहचानें जातें है
उनका निर्मल, निष्ठामय, कर्तव्यमय, सादगी भरा जीवन, क्षमा, व दया की प्रतिमूर्ति, मर्यादा के महान् रक्षक, निष्काम कर्मयोगी, आध्यात्म जगत की जितनी भी उपमाएं है वे सब उनमें झलकती है ,जन सरोकारों से उनका गहरा नाता है गरीब व दीन दुखियों की मदद में वे सदैव अग्रसर रहते हैं वे पर्वतीय हितों के सजग प्रहरी भी है पर्वतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका बेहतर योगदान रहता है उनके हृदय पर धर्म व आध्यात्म का वास साफ झलकता है
ईमानदारी पूर्वक दायित्वों को निभानें में विश्वास रखनें वाले शुभम् अण्डोला मानवीय मूल्यों के संरक्षण में सदैव तत्पर रहते है
समाजसेवी शुभम से वर्तमान में पारिवारिक, सामाजिक व आर्थिक स्थिति के बाबत जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि आज वह हर प्रकार से सन्तुष्ट व खुश हैं। माता – पिता का आशीर्वाद सदैव उनके साथ है। उसी आशीर्वाद व भगवान की कृपा से आज उनको वह सब कुछ प्राप्त है जिसके बारे में वह कभी सोच भी नहीं सकते थे । उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि सब कुछ का यह मतलब नहीं कि वह कोई अडानी या अम्बानी बन गये हों। बहरहाल भगवान ने जितना भी दिया है उससे वह पूर्णतः सन्तुष्ट हैं। यानी अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियो के साथ ही सामाजिक जिम्मेदारियो का निर्वहन सन्तोष पूर्वक कर पा रहा हूं। शुभम ने कहा कि आज माता-पिता के नाम से उन्होंने दो फर्में बनाई हैं, जिनके जरिये प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से लगभग डेढ़ सौ लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया है।
युवाओं के लिए कोई सन्देश देने की बात पर शुभम अण्डोला ने कहा कि परिस्थिति कैसी भी हो नीति व नीयत साफ होनी चाहिए, ईमानदारी , अनुशासन व एकाग्र भाव से अपने लक्ष्य पर लगातार चलते रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की कुसंगत व नशे से बचना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन युवाओं को यह सब कठिन प्रतीत होता है वो आज से ही नित्य प्रातः काल अपने माता – पिता के चरण स्पर्श कर उनको अपने अच्छे कार्यों से खुश रखना शुरू कर दें। क्योंकि माता – पिता खुश हैं तो तय माने भगवान स्वयम खुश हो जाते हैं। भगवान आपसे खुश हैं तो परेशानी कहाँ आने वाली है। शुभम ने कहा कि उन्होंने जब से होश संभाला है तब से आज तक वह प्रातःकाल उठकर अपने माता – पिता का आशीर्वाद लेते आ रहे हैं। उसी आशीर्वाद की ताकत है कि वह पूर्णतः सन्तुष्ट व आनन्दित रहते हैं।
समाज सेवा के क्षेत्र में आगे की किसी योजना के बाबत पूछे जाने पर शुभम ने कहा कि फिलहाल तो वह जहां कहीं भी जिस किसी भी जरूरतमंद को राहत दिलानी होती है, वह फेसबुक पोस्ट के जरिये लोगो से सहयोग कराने की अपील कर देते हैं। लोगों का भरोसा ही कि एक – दो दिन के भीतर बड़ी संख्या में लोगों की मदद मिलने लगती है और फिर अपनी ओर से यथासंभव योगदान कर जरूरतमंद को आर्थिक मदद पहुंचा दी जाती है।
श्री अण्डोला ने कहा कि फिलहाल इसी तरह वह समाज सेवा करते रहेंगे लेकिन आने वाले कुछ ही वर्षों में जरूरतमंदो की मदद को लेकर समाजसेवियों के साथ समन्वय कर कुछ बड़े स्तर पर कार्य करने की इच्छा है।
कुल मिलाकर समाजसेवी शुभम अण्डोला बीते कई वर्षों से जरूरतमंद लोगों के लिए बहुत अच्छा व सराहनीय कार्य करते आ रहे हैं। मूलरूप से जनपद बागेश्वर के बुड़ घूना गांव के रहने वाले शुभम वर्तमान में अपनी माता जी हीरा देवी तथा पिता टीका राम अण्डोला की छत्र छाया में अपने परिवार के साथ हल्दूचौड़ में निवास करते हैं। सरल व मिलनसार स्वभाव एवं बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी शुभम अण्डोला समूचे क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यावसायी के साथ-साथ लोक प्रिय समाजसेवी के रूप में जाने जाते हैं।

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